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भारत की स्थिति चीन से बेहतर, बूस्टर डोज महत्वपूर्ण: डॉ. रणदीप गुलेरिया

नई दिल्ली। चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना की रफ्तार को देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट मोड पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने महामारी की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में फैसला हुआ कि अब हर हफ्ते कोरोना के हालात की समीक्षा की जाएगी।

इन सबके बीच AIIMS दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी कोरोना के नए मामलों को लेकर चेतावनी जारी की है। रणदीप गुलेरिया ने हाई रिस्क वाले समूहों से जल्द से जल्द बूस्टर खुराक लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में वायरल संक्रमण बढ़ जाता है। ऐसे में हाई रिस्क वाले लोगों को बेहतर देखभाल की जरूरत है। ऐसे लोगों को संक्रमण से दूर रखने के लिए बूस्टर डोज अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

यह पूछे जाने पर कि क्या आने वाले महीनों में बीजिंग में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले भारत को भी प्रभावित कर सकता है? गुलेरिया ने जोर देकर कहा कि भारत की स्थिति चीन की तुलना में बहुत बेहतर है। हालांकि, लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि ‘भारत में टेस्टिंग में कमी आई है। सर्दी में लोग इसे वायरल फ्लू समझकर टेस्ट नहीं करा रहे हैं। अगर और टेस्ट होंगे तो वायरस के म्यूटेशन का पता चल जाएगा।’ चीन में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए भारत में क्या सावधानी बरती जाए इसपर AIIMS के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कई सवालों के जवाब दिए हैं-

क्या हम आने वाले दिनों में  अस्पताल में भर्ती होने और मौतों की लहर देखने जा रहे हैं?

डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘हमारी प्रतिरोधक क्षमता अधिक है और इस वैरिएंट से डेल्टा वेव की तरह निमोनिया नहीं होता है, इसलिए मुझे लगता है कि हम हल्की बीमारियों में वृद्धि देख सकते हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने या मौतों में नहीं।’

क्या भारत के लोगों के लिए चौथा टीका शॉट अनिवार्य किया जाना चाहिए?

गुलेरिया ने कहा- ‘यह ऐसा कुछ है जिस पर हमें अधिक डेटा चाहिए। हमारे पास यह कहने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है कि हमारी प्रतिरक्षा के संदर्भ में वर्तमान स्थिति क्या है। यह कहना तर्कसंगत हो सकता है कि एक वर्ष के बाद दूसरा बूस्टर लेना सार्थक हो सकता है।

मुद्दा यह है कि क्या बूस्टर उतना ही प्रभावी है जितना पहले था या हमें अपनी वैक्सीन रणनीति बदलने की जरूरत है। इसलिए हमें और डेटा चाहिए। यदि आप पहले से ही एक बूस्टर ले चुके हैं, तो दूसरा लेने की कोई जल्दी नहीं है लेकिन हमें वर्तमान टीकों की प्रभावकारिता को समझने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले शोध भी करने चाहिए और क्या हमें सर्कुलेटिंग स्ट्रेन को कवर करने के लिए एक नए टीके की आवश्यकता है।

डॉ. गुलेरिया ने कहा- डेटा से पता चलता है कि जिन लोगों ने बूस्टर लिया है, उनमें लॉन्ग कोविड होने की संभावना कम है। इसलिए, मैं उन सभी लोगों से आग्रह करूंगा जिन्होंने बूस्टर शॉट नहीं लिया है, वे न केवल खुद को नए वेरिएंट से बचाने के लिए बल्कि लंबे समय तक कोविड के विकास के खिलाफ कुछ सुरक्षा के लिए भी इसे लें।”

खत्म नहीं हुआ है अभी कोविड

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सजग रहने और निगरानी तंत्र मजबूत करने का निर्देश दिया।

मांडविया ने एक ट्वीट में कहा, ‘कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर आज विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधित लोगों को सजग रहने और निगरानी बढ़ाने के लिये कहा है. हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयार हैं।’

भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाएं

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने लोगों को टीका लेने तथा भीड़-भाड़ वाली जगह पर मास्क पहनने की सलाह दी है। उन्होंने लोगों से नहीं घबराने की अपील की और स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के दिशा-निर्देशों में अब तक कोई बदलाव नहीं किया गया है। पॉल ने कहा, ‘लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना चाहिए। जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है या बुजुर्ग हैं, उन्हें विशेष रूप से इसका पालन करना चाहिए।’

केंद्र का राज्यों को निर्देश

जापान, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में मामलों में वृद्धि के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिया कि वे कोविड के संक्रमित नमूनों के पूरे जीनोम अनुक्रमण को उभरते स्वरूपों पर नजर रखने के लिए तैयार करें। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा था कि इस तरह की कवायद से देश में नए स्वरूप का समय पर पता लगाने में मदद मिलेगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करना सुविधाजनक होगा।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH