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सीएम योगी का निर्देश- पर्व-त्योहारों पर अफवाह से रहें सावधान, धर्मगुरुओं, प्रबुद्धजन से संवाद करें प्रशासनिक अधिकारी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आगामी दिनों में होलिकोत्सव, शब-ए-बारात, रमजान, नवरोज़, चैत्र नवरात्र, राम नवमी आदि महत्वपूर्ण पर्व-त्योहार के शांतिपूर्ण आयोजन के संबंध में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों तथा जिला, रेंज, जोन व मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारी गणों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

(वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग)

● आगामी दिनों में होलिकोत्सव, शब-ए-बारात, रमजान, नवरोज़, चैत्र नवरात्र, राम नवमी आदि महत्वपूर्ण पर्व-त्योहार मनाए जाएंगे। अनेक स्थानों पर शोभायात्राओं का आयोजन होगा, मेले आदि लगेंगे। उल्लास और उमंग के इस विशेष पर्व कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। अतः हमें सतत सतर्क-सावधान रहना होगा। विगत छह वर्षों में प्रदेश में सभी धर्म-सम्प्रदाय के पर्व-त्योहारों के आयोजन शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुए हैं। इस क्रम को आगे भी बनाये रखना होगा।

● पर्व-त्योहार में शासन द्वारा सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। धार्मिक परंपरा/आस्था को सम्मान दें, किंतु अराजकता स्वीकार नहीं की जाएगी। आयोजकों को अनुमति देने से पूर्व उनसे शांति और सौहार्द सुनिश्चित करने के सम्बंध में शपथ पत्र लिया जाए।

● सभी पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ाई से पेश आएं। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुसार पूरी कठोरता की जाए।

● होली के मौके पर कतिपय शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे। पीआरवी 112 एक्टिव रहे। सोशल मीडिया को लेकर अलर्ट रहें।

● शोभायात्रा/जुलूस में ऐसी कोई भी गतिविधि न हो जो दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को उत्तेजित करे। अश्लील/फूहड़ गीत कतई न बजें। धर्मस्थलों पर रंग न डाले जाएं।

● थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाएं। लोगों के लिए सकारात्मक संदेश जारी कराएं। पीस कमेटी की बैठक कर लें। शांति और सौहार्द के लिए मीडिया का सहयोग लें।

● त्वरित कार्यवाही और संवाद-संपर्क अप्रिय घटनाओं को संभालने में सहायक होती है। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना विलंब किए, जिलाधिकारी/पुलिस कप्तान बिना विलंब किए तत्काल खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें। सेक्टर स्कीम लागू करें।

● छोटी सी अफवाह माहौल को बिगाड़ सकती है। ऐसे में पुलिस प्रशासन को अलर्ट रहना होगा। गोवंश की तस्करी और अन्य संबंधित अपराध से जुड़े संदिग्ध लोगों पर नजर रखें।

● पर्व-त्योहार की खुशियां लोग अपने परिजनों के साथ मनाना चाहते हैं। दूसरे प्रदेशों/नगरों में प्रवासरत लोग होली के मौके पर अपने घरों को लौटेंगे। इसी बीच, फसलों की कटाई का भी समय है। लोगों को गंतव्य तक आवागमन में सुविधा हो, इसके लिए परिवहन विभाग को समय से तैयारी कर लेना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त बसों को लगाया जाए। आवश्यकतानुसार अनुबंधित बसों की संख्या बढाएं। कहीं भी लोगों को आवागमन में समस्या न हो, हर रूट पर बसों की उपलब्धता बनी रहे।

● स्वच्छ परिवेश, त्योहार का उल्लास बढ़ाने वाला होता है। ऐसे में गांव हो या शहरी क्षेत्र, त्योहारों के मौके पर हर जगह साफ-सफाई होनी चाहिए। पारंपरिक शोभायात्रा/जुलूस निकलने से पूर्व सम्बंधित मार्ग की विशेष साफ-सफाई की जाए।
कहीं भी कूड़ा/गंदगी न हो।

● आमजन की भावनाओं और परम्परा का यथोचित सम्मान करते हुए लोगों की सुविधा और सुरक्षा के दृष्टिगत होलिका दहन का कार्यक्रम आबादी से दूर कराने का प्रयास करें। इसके लिए स्थानीय प्रशासन लोगों से संवाद बनाएं।

● पर्व-त्योहारों के मौके पर सभी 75 जिलों में गांव हो या की शहर, बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। होलिका दहन के स्थलों पर विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए। बिजली के हाईटेंशन लाइन के समीप होलिका दहन न हो। बिजली के।ढीले/लटकते तारों को समय से व्यवस्थित कर लिया जाए।

● होली के पावन अवसर पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं/पर्यटकों का आगमन ब्रज क्षेत्र में हो रहा है। इसी प्रकार, श्रीराम नवमी के मौके पर अयोध्या और चैत्र नवरात्र के मौके पर माँ विंध्यवासिनी धाम,देवीपाटन धाम, सहारनपुर में माँ शाकुम्भरी धाम सहित विभिन्न शक्तिपीठों में बड़ी संख्या में लोग आएंगे। आस्था और उल्लास के इन महत्वपूर्ण पर्वों के आयोजन को सुशासन, सुव्यवस्था का उदाहरण बनाया जाना चाहिए। लोगों की आस्था का सम्मान किया जाए। भीड़ प्रबंधन के लिए बेहतर नियोजन किया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण स्थलों पर आकर्षक साज-सज्जा की जानी चाहिए। तेज गर्मी के बीच लोगों की सुविधा के लिए पेयजल की व्यवस्था, छाजन आदि की अच्छी व्यवस्था हो।

● पर्व-त्योहार के मौके पर स्वास्थ्य सहित सभी तरह की आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट मोड में रखा जाए। सभी एम्बुलेंस अलर्ट मोड में हों। मेडिकल कॉलेज हों या अन्य शासकीय अस्पताल, चिकित्सकों/पैरामेडिकल स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। अप्रिय स्थिति के समय तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए डॉक्टरों/पैरामेडिकल स्टाफ के अवकाश को स्थगित रखा जाना उचित होगा।

● वाराणसी और मथुरा सहित विभिन्न महत्वपूर्ण नगरों में शुक्रवार (03 मार्च) को रंगभरी एकादशी मनाई जाएगी। इसके दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध कर लिए जाएं। आम जन की सुविधा और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

● जहरीली शराब का निर्माण और बिक्री कतई न हो। इसे लेकर सभी जनपदों को विशेष सावधानी रखनी होगी।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH