इस्लामाबाद। पकिस्तान इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ऐसे समय पर चीन ने भी पाकिस्तान का साथ देने से इंकार कर दिया है। पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर इमरान खान ने चीन से क़र्ज़ माफ़ी के लिए हाथ बढ़ाया जिसपर शी जिनपिंग ने उनकी मदद करने से साफ़ साफ़ इंकार कर दिया। बता दें की पाकिस्तान इस समय चीन से 3 अरब रूपए के कर्ज़े में है।
एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान में बनाए ऊर्जा प्लांट पर करीब 19 अरब डॉलर का निवेश किया है। पाकिस्तान के अनुरोध के जवाब में बीजिंग ने कहा है कि ऊर्जा खरीद पर हुए समझौते को पुनर्गठित करना फिलहाल संभव नहीं है, क्योंकि कर्ज में किसी भी तरह की राहत के लिए चीनी बैंकों को अपने नियम और शर्तों में बदलाव करना होगा।
चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कहा है कि समझौते की किसी भी शर्त को बदलना संभव नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान पर 30 दिसंबर 2020 तक कुल 294 अरब डॉलर का कर्ज था, जो उसकी कुल GDP का 109 प्रतिशत है। वहीं आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि कर्ज और GDP का यह अनुपात वर्ष 2023 के अंत तक काफी बढ़ सकता है, जिसकी वजह से पाकिस्तानी सरकार मुश्किल में फंस जाएगी।