इस्लामाबाद। पाकिस्तान में रविवार को वोटिंग के साथ ही साफ हो जाएगा कि इमरान खान पीएम पद पर बने रहेंगे या उनकी जगह कोई और सत्ता पर काबिज होगा। गुरुवार को देश को संबोधित करते हुए इमरान खान ने साफ कर दिया वह इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी गेंद तक लड़ेंगे। इमरान खान को कुर्सी बचाने के लिए 342 में 172 वोटों की जरूरत होगी। हालांकि विपक्ष का दावा है कि उसे 175 सांसदों का समर्थन प्राप्त है और प्रधानमंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
इतना ही नहीं विपक्ष ने इमरान खान को देश की सुरक्षा के लिए खतरा घोषित किया है। डॉन की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने एक बयान में कहा कि खान ने सत्ता में बने रहने की बेताब कोशिश में पाकिस्तान को मुश्किलों में डाल दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपनी हताशा में, खान पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों को नुकसान पहुंचा रहे थे, इसलिए यह जरूरी था कि उन्हें इन विनाशकारी भाषणों को देने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
शरीफ ने कहा, पत्र नहीं दिखाने का मतलब है कि कोई पत्र नहीं है। इमरान नियाजी एक बार फिर एक नया झूठ बोल रहे हैं जैसा कि वह आमतौर पर करते हैं। इमरान के भ्रष्टाचार के झूठे आख्यान के बाद, रियासत-ए-मदीना की छवि बनाने के बारे में झूठ, यह साजिश पत्र उनके डूबते जहाज को बचाने के लिए नया झूठ था। एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, पीएमएल-एन के ख्वाजा आसिफ ने खतरे के पत्र के पीछे अमेरिका को देश के रूप में नामित करने के लिए खान को फटकार लगाई।