नई दिल्ली। ईरान ने इजराइल पर बड़ा हमला करते हुए 200 मिसाइलें दागी हैं। इसकी पुष्टि सरकारी टीवी ने बुधवार को की है। बताया गया है इस हमले के लिए इजराइल ने तेहरान को “भुगतान” करने की कसम खाई है। इससे पहले इजराइली सेना ने कहा था कि 180 मिसाइलें दागी गई थीं और उनमें से ज्यादातर को हवा में खत्म कर दिया गया।
ईरान का कहना है कि उसने हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के विरोध में मिसाइलें दागीं हैं। ईरान ने यह भी कहा है कि अगर इजरायल ने हमला किया तो उसे करारा जवाब मिलेगा। मंगलवार रात तेल अवीव और यरुशलम के पास कई धमाकों की आवाजें सुनी गईं। ईरान के हमले के बाद इजरायल की मदद के लिए अमेरिका आगे आ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सेना से कहा है कि वह तुरंत इजरायल की मदद करें। बाइडेन ने ईरान को नतीजे भुगतने की चेतावनी भी दी है।
‘ईरान इजरायल के लिए खतरा है’
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा, “ईरान ने लापरवाही से हमला करते हुए इजरायल पर लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। मैं इस हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करती हूं। ईरान मध्य पूर्व में एक अस्थिर करने वाली, खतरनाक ताकत है और इजरायल पर हमला इस तथ्य को और अधिक प्रदर्शित करता है। मैं अमेरिकी सेना को इजरायल को निशाना बनाने वाली ईरानी मिसाइलों को मार गिराने के राष्ट्रपति बाइडेन के आदेश का पूरी तरह से समर्थन करती हूं, जैसा कि हमने अप्रैल में किया था। शुरुआती संकेत ये हैं कि हमारी मदद से इजरायल इस हमले को नाकाम करने में कामयाब रहा। हमारी संयुक्त सुरक्षा प्रभावी रही है, और इस ऑपरेशन और सफल सहयोग ने कई निर्दोष लोगों की जान बचाई है। इजरायल की सुरक्षा के प्रति मेरी प्रतिबद्धता अटल है। ईरान ना केवल इजरायल के लिए खतरा है, बल्कि क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों, अमेरिकी हितों और पूरे क्षेत्र में ईरान के हाथों पीड़ित निर्दोष नागरिकों के लिए भी खतरा है।”
बता दें कि अमेरिका ने इजरायल को इस हमले के लिए कुछ घंटे पहले ही चेता दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ बैठक की थी। अमेरिका की ओर से इजरायल के हिस्से में मौजूद अपने नागरिकों और दूतावास को पहले ही सुरक्षा के लिहाज से चेता दिया गया था।