नई दिल्ली। इज़राइल-फिलिस्तीन विवाद पर भारत का संयुक्त राष्ट्र में किसी भी पक्ष में वोट न देने पर फिलिस्तीन ने नाराज़गी जताई। फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल मलिकी ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिख कर अपनी नाराज़गी व्यक्त की। पत्र में रियाद ने लिखा था कि भारत ने इजरायल के खिलाफ जांच के लिए लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग से गैर-हाजिर रहकर बदलाव लाने का अवसर गंवा दिया।
भारत ने गैरहाजिरी पर कोई टिप्पणी नहीं की थी, लेकिन इसे इजरायल के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव के समर्थन में 47 सदस्यों वाली कमिटी में से 24 ने यहूदी मुल्क इजरायल के खिलाफ मतदान किया था। इसके अलावा 9 सदस्यों ने इजरायल का समर्थन किया और भारत सहित 14 देश इस मतदान से दूर रहे। वोटिंग से दूर रहने वाले देशों में इटली, डेनमार्क, जापान, फ्रांस, साउथ कोरिया, यूक्रेन, नेपाल भी शामिल थे।
भारत के रुख से नाराज होकर फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल मलिकी ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने इजरायल के खिलाफ जांच के लिए लाए गए निर्णायक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर वोटिंग से गैर-हाजिर रहकर एक बड़े अवसर को गंवा दिया है। मलिकी ने यह भी कहा था कि इजरायल पर प्रस्ताव में वोटिंग न कर भारत ने जवाबदेही, शांति और न्याय की राह पर बढ़ने के मौके को खोया है। अब भारत ने इस पत्र का जवाब देकर स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी पुरानी नीति पर कायम है।