नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मोस्ट सीनियर जज डी वाई. चंद्रचूड़ ने देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली है। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। वह मंगलवार को ही रिटायर होने वाले चीफ जस्टिस यूयू ललित की जगह लेंगे।
जस्टिस चंद्रचूड़ अपने ऐतिहासिक फैसलों को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश 65 साल की उम्र तक पद पर बने रह सकते हैं। वह न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित का स्थान लेंगे जिन्होंने 11 अक्टूबर को उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की थी। यू.यू ललित को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 अक्टूबर को CJI नियुक्त किया था।
जस्टिस चंद्रचूड़ भारतीय संविधान से जुड़े अहम मामलों से लेकर कई आपराधिक और दीवानी मामलों के फैसले वह सुना चुके हैं, जिनका देश की तस्वीर बदलने में अहम योगदान रहा है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने पिता के ही दो फैसलों को पलटा है, जिसके लिए उनकी चर्चा होती रही है। अयोध्या जन्मभूमि विवाद, राइट टू प्राइवेसी, सेक्शन 377 और आधार स्कीम की वैधता समेत ऐसे कई अहम मामले रहे हैं, जिनका फैसला सुनाने वाली बेंच का जस्टिस चंद्रचूड़ हिस्सा रहे हैं। हाल ही में अवविवाहित महिलाओं को भी 6 माह तक का गर्भ गिराने की परमिशन वाले देने वाली बेंच का भी वह हिस्सा थे।