लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ का सौभाग्य है कि श्रध्देय अटल जी ने यहां का प्रतिनिधित्व किया था। अटल जी जिस भी पद पर रहे हों, सर्वदा मूल्यों की राजनीति की। अटल जी ने कहा था ‘मूल्यविहीन राजनीति मौत का फंदा है’। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कवि सम्मेलन में शिरकत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी की लोकप्रियता सब में थी। उन्होंने देश के सामने विकास की नई सोच रखी थी, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना अटल जी की देन थी।
अटल जी के संकल्पों को किया जा रहा पूरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस संकल्प को अटल जी ने लिया था, प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज उसे पूरा किया जा रहा है। कोरोना काल में देश और दुनिया इसे देख रहा है। हर गरीब को शासन की योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। एक करोड़ वृद्धजन-दिव्यांग परिवारों को पेंशन दी जा रही है।
सरकार संवेदनशील होती है तो बिना भेदभाव के कार्य होता है
सीएम ने कहा कि जब संवेदनशील सरकार बनती है तो कार्य बिना भेदभाव होता है। आज आत्मगौरव की अनुभूति होती है,जब गुलामी के चिन्हों की समाप्ति और विरासत का सम्मान हो रहा है। विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्य हो रहे हैं। अभी उत्तर प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम और मंत्रीगण विदेश गए थे। दुनिया में भारत की छवि बदलने का परिणाम है कि एक यात्रा में सवा 7 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव ले आये।
अब भारत दे रहा चीन को जवाब
सीएम ने कहा कि लखनऊ का प्रतिनिधित्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जी कर रहे हैं। आज भारत चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। अभी आपने तवांग में देखा, भारत ने कैसा जवाब दिया।
एक सपना टूटे तो अगला गढ़ें
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने तमाम उतार चढ़ाव देखे। अटल जी ने कहा था एक सपना टूटे तो अगला सपना गढ़ें..! अटल जी ने ही कहा था…आदमी न ऊंचा होता है,न नीचा होता है,न बड़ा होता है,न छोटा होता है,आदमी सिर्फ आदमी होता है। अटल जी के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर प्रतिवर्ष यह कार्यक्रम होता है। कवि सम्मेलन के माध्यम से अटल जी को सम्मान दिया जाता रहा है। सीएम ने कहा कि अटल जी कवि भी थे,राजनेता भी, अटल जी सबके थे।
इन कवियों ने की शिरकत
कवि सम्मेलन में कुमार विश्वास, सुदीप भोला, दिनेश बावरा, हेमंत पांडेय, कवयित्री कविता तिवारी आदि शामिल हुईं। कविता तिवारी ने मां सरस्वती के चरणों में कविता से श्रद्धा निवेदित कर कवि सम्मेलन का आगाज किया।