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लखनऊ: गोमती नगर के जानकी मंदिर आश्रम में साध्वी से रेप, केस दर्ज

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर के जानकी मंदिर आश्रम में एक साध्वी को नशीला पदार्थ खिलाकर चार साधकों ने सामूहिक दुराचार किया। विरोध करने पर उसे प्रताड़ित किया गया और जान से मारने की धमकी दी गई। यह आरोप लगाते हुये साध्वी ने गोमतनगर थाने में चारों साधकों के खिलाफ रेप की एफआईआर दर्ज करायी है। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि आश्रम के महंत से शिकायत करने पर उन्होंने आरोपितों का ही पक्ष लिया और कहा कि यहां रहना है तो यह सब सहना पड़ेगा। एडीसीपी पूर्वी का कहना है कि साध्वी के आरोपों की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही आरोपितों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जायेगी।

मूल रूप से प्रयागराज के करछना की रहने वाली साध्वी ने पुलिस को बताया कि वह पहले मथुरा के रुकमणि बिहार आश्रम में रहती थी। एक साल पहले वह प्रयागराज में माघ मेले में गई थी। यही पर एक साधिका से मुलाकात हुई थी। साधिका ने उसे बताया था कि वह Lucknow के गोमतीनगर स्थित जानकी मन्दिर से आई है। मेला खत्म होने तक दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी। सावन में यह साधिका वृंदावन स्थित रुकमणि बहार आश्रम में आयी थी। यहां 20 दिन वह साध्वी के साथ रही थी।

इसी दौरान साधिका ने उसे बताया था कि जानकी मन्दिर आश्रम के महंत हनुमान दास ने उसे अपने आश्रम में बुलाया है। उसके कई बार कहने पर वह लखनऊ इस आश्रम में आकर रहने लगी थी। चार अक्टूबर को यह साधिका भाई की तबीयत खराब होने की बात कहकर वाराणसी चली गई थी। पीड़िता का आरोप है कि साधिका के वाराणसी जाने के बाद चार अक्टूबर को ही साधक दुर्वासा ने खाने में नशीला पदार्थ दे दिया था। आरोप है कि उसके बेसुध होने पर दुर्वासा के साथ छोटे मौनी, बड़े मौनी और मनमोहन दास ने दुराचार किया। देर रात होश में आने पर उसने खुद को निर्वस्त्र पाया। वहीं चारों आरोपित भी खड़े थे। उसने शोर मचाने की कोशिश की तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई।

पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसने महंत हनुमान दास से इन चारों की शिकायत की तो उसकी नहीं सुनी गई। महंत ने आरोपितों का बचाव किया और कहा कि यहां रहना है तो सब सहना पड़ेगा। आरोपियों ने साध्वी को धमकी दी थी कि शिकायत करने पर हत्या करवा दी जाएगी। इंस्पेक्टर गोमतीनगर दिनेश चन्द्र मिश्र ने बताया कि चार अक्टूबर की घटना की अब रविवार को तहरीर मिली है। आरोपित आश्रम में नहीं मिले हैं। उनकी तलाश की जा रही है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH