नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में महिलाओं के निर्वस्त्र घुमाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। उससे पहले केंद्र ने गुरुवार को हलफनामा दायर कर बताया कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। शीर्ष अदालत ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था कि उन्होंने मामले में क्या कार्रवाई की है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस का है दृष्टिकोण
केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार का दृष्टिकोण महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस का है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल उपचारात्मक, पुनर्वास और निवारक कदम उठाने और की गई कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया था।
सीबीआई को सौंपी गई जांच
गृह मंत्रालय ने गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के माध्यम से दायर एक हलफनामे में शीर्ष अदालत से उस मामले में मुकदमे को मणिपुर के बाहर स्थानांतरित करने का भी आग्रह किया, जिसमें अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस पर अपना जवाब दाखिल करते हुए केंद्र ने कहा, मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई के पत्र के माध्यम से सचिव, DoPT को मामले को आगे की जांच के लिए CBI को सौंपने की सिफारिश की है, जिसे गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई के पत्र के माध्यम से सचिव DoPT को विधिवत सिफारिश की है। अब जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी जाएगी।
हिंसा के लिए महिलाओं का इस्तेमाल अस्वीकार्य
बता दें पिछले सप्ताह मणिपुर का वायरल वीडियो सामने आया था। शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को घटना पर ध्यान दिया और कहा था कि वह वीडियो से परेशान है। हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल ‘संवैधानिक लोकतंत्र में बिल्कुल अस्वीकार्य है।