नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद पूरी दुनिया अब मंकीपॉक्स वायरस की चपेट में है। यह वायरस दुनिया भर के देशों को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा। इसे लेकर WHO (डब्ल्यूएचओ) ने सावधान रहने की हिदायत दी है। भारत की बात करें तो अभी तक यहाँ इस वायरस के एक भी मरीज नहीं पाए गए है, लेकिन फिर भी लोगों से सावधानी बरतने की अपील केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की है। खबरों के मुताबिक अब तक दुनियाभर के 12 देशों में मंकीपॉक्स के चलते 92 लोगों की मौत हो चुकी है। यह वायरस यूके, यूरोपीय देश, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के देशों में फैल रहा है।
विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) ने नेशनल सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को इस वायरस की पूरी जांच करने को कहा है और अलर्ट जारी कर दिया है। WHO के अधिकारी डेविड हेमैन ने बताया कि मंकीपॉक्स लोगों में एक दूसरे के कांटेक्ट में आने और सेक्स करने से फैलता है। ये वायरस गे व्यक्तियों में ज्यादा फैल रहा है।
क्या हैं लक्षण
मंकीपॉक्स दिखने में चेचक जैसा ही होता है, लेकिन ये चेचक से कम हानिकारक होते है। इस वायरस के जीव अति सूक्ष्म होते है, जो नाक और मुंह के द्वारा लोगों के शरीर में आसानी से चले जाते है। इस वायरस से लोगों के शरीर पर लाल रंग के चक्कते पड़ जाते है। मंकीपॉक्स के अन्य लक्षणों में बुखार आना, सिरदर्द, शरीर पर दाने निकलना आदि हैं। ये फ्लू जैसा होता है ।
इस वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में अभी तक बुखार आना, ठंड लगना , शरीर में दर्द होना और थकान जैसे ही लक्षण पाए गए है।
हालत गंभीर होने पर लोगों के शरीर में लाल रंग के निशान भी पड़ जाते है लेकिन ये लक्षण 3 हफ्तों में गायब भी हो जाते है। मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित मरीज को चेचक की ही दवाई दी जाती है, जो इस वायरस का प्रतिरोधी है।