लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के विधायक अब्बास अंसारी ने शुक्रवार दोपहर अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। वह भड़काऊ भाषण देने के मामले में वांछित था। हालांकि एमपी एमएलए कोर्ट की मजिस्ट्रेट ने न्यायिक हिरासत में लेने के बाद उन्हें जमानत व मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी पुलिस टीम को चकमा देकर एक वकील के साथ कोर्ट पहुंचा। अभद्र भाषा के मामले में अब्बास अंसारी ने एमपी/एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। पुलिस कई महीनों से उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई। आर्म्स एक्ट मामले में बुधवार को अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को अगले आदेश तक अब्बास के खिलाफ कोई प्रतिबंधात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा अब्बास अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
एसीजेएम एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक अंसारी और उनके भाई उमर अंसारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इससे पहले अब्बास अंसारी अखिलेश यादव से मिलने सैफई गए और दिवंगत मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी। अब्बास ने 3 मार्च की रात मऊ के पहाड़पुर इलाके में एक जनसभा करते हुए अधिकारियों को कथित तौर पर धमकाया था।
उन्होंने कहा था, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद अधिकारियों को तबादला होने से पहले पिछली सरकार में अपने काम का हिसाब देना होगा। भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, मऊ पुलिस ने 4 मार्च को आईपीसी की धारा 171एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव या व्यक्तित्व का अपराध) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया।