नई दिल्ली। लोकसभा में नारी शक्ति वंदन बिल पेश कर दिया गया है। उधर बिल पेश होते ही विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया है। विपक्ष का कहना है कि बिना बिल को सर्कुलेट किए हुए पेश कैसे कर दिया गया। जिस पर कानून मंत्री ने कहा कि बिल वेबसाइट पर अपलोड हो चुका है। बिल को जब सदन में इंट्रोड्यूस किया जाता है तो पहले कॉपी को सांसदों को देना जरूरी रहता है। विपक्ष इसी बात पर सवाल उठा रहा है।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि महिला आरक्षण बिल की अवधि 15 साल होगी। हालांकि ये अवधि बढ़ाने के लिए संसद के पास अधिकार होगा। मेघवाल ने कहा कि इस अधिनियम के पास होने के बाद लोकसभा में महिला सीटों की संख्या 181 हो जाएगी। लोकसभा में फिलहाल महिला सांसदों की संख्या 82 है।
बिल पेश करते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जानबूझकर यह बिल लोकसभा में पेश नहीं किया था। कांग्रेस से साजिश की बू आती है। बिल के मसौदे के मुताबिक, संसद और दिल्ली सहित सभी विधानासभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित होंगी। बड़ी बात यह है कि एससी-एसटी वर्ग के लिए कोटा के अंदर कोटा लागू होगा। इसका मतलब है कि 33 फीसदी आरक्षण के अंदर एससी-एसटी में शामिल जातियों को भी आरक्षण की व्यवस्था होगी।