रियाद। सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हुए अरब-चीन समिट में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि अरब देशों और चीन के बीच साझेदारी का एक नया पड़ाव शुरू होने जा रहा है। क्राउन प्रिंस ने अरब नेताओं और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने कहा, ” सऊदी किंगडम अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए चीन के साथ सहयोग बढ़ाने पर काम कर रहा है।
इस अवसर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि ये समिट हमें उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएगा। उन्होंने चीनी-अरब पारस्परिक हितों की “व्यापक सहयोग” की बात भी कही। अरब देश और चीन के बीच हुई इस बैठक के बाद दोनो ही पक्षों की ओर से एक साझा बयान जारी किया गया है।
राष्ट्रपति जिनपिंग ने क्षेत्र की स्थिरता को बनाए रखने के महत्व को दोहराया। उन्होंने कहा कि चीन क्षेत्र में महत्वपूर्ण मामलों के “राजनीतिक समाधान” तक पहुंचने के अरब के प्रयासों का समर्थन करता है। शी जिनपिंग ने यह भी कहा कि इस्लामोफ़ोबिया और चरमपंथ का कड़ाई से मुकाबला करना होगा और ‘आतंकवाद’ को एक धर्म विशेष से नहीं जोड़ा जा सकता।
इसके अलावा अरब देशों ने ज़ोर देकर कहा कि फ़लस्तीन मध्य-पूर्व का मुख्य मुद्दा है और रहेगा। जिसमें दोनों-देशों (इसराइल और फ़लस्तीन) की ओर से बेहतर और टिकाऊ समाधान निकालने की ज़रूरत है जिससे इसराइली कब्ज़े से फ़लस्तीन को बाहर निकाला जा सके। ये समाधान यूएन के रिजॉल्यूशन के मुताबिक़ होना चाहिए। इस पर शी ने कहा कि “ऐतिहासिक अन्याय” जिसे फ़लस्तीनी लोगों ने सहा है “आगे नहीं बढ़ना चाहिए। चीन फलस्तीनी राज्य की स्थापना का समर्थन करता है।