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वक्फ संशोधन विधेयक बिल का समर्थन देना नितीश कुमार को पड़ा भारी, पार्टी के 20 से ज्यादा मुस्लिम नेताओं ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल में इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया है। जेडीयू के सांसदों ने सदन में वक्फ बिल का समर्थन किया था। इसके विरोध में शुक्रवार तक पांच बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। इसके बाद 20 से ज्यादा मुस्लिम पदाधिकारियों ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। इस्तीफा देने वाले नेताओं में नदीम अख्तर, राजू नैय्यर, तबरेज सिद्दीकी अलीग, मोहम्मद शाहनवाज मलिक और मोहम्मद कासिम अंसारी शामिल हैं।

बिहार में कुछ महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यह पार्टी के लिए चिंता का विषय है। जेडीयू कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष बढ़ रहा है। पार्टी को आने वाले समय में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

राजू नैयर ने अपने त्यागपत्र में कहा कि वह जेडी(यू) द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने से “बहुत आहत” हैं और उन्होंने इसे मुसलमानों पर अत्याचार करने वाला “काला कानून” कहा। उन्होंने कहा, “वक्फ संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने और समर्थन मिलने के बाद मैं जेडी(यू) से इस्तीफा देता हूं,” और सभी पार्टी जिम्मेदारियों से मुक्त होने का अनुरोध किया। तबरेज हसन ने शुक्रवार को जेडी(यू) प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित अपने त्यागपत्र में कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के लिए पार्टी के समर्थन ने मुसलमानों का विश्वास तोड़ दिया है, जो मानते थे कि यह धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए खड़ा है।

तबरेज ने एक पत्र में लिखा, “मुझे उम्मीद थी कि आप अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को बरकरार रखेंगे, लेकिन इसके बजाय, आपने उन लोगों का पक्ष लिया जिन्होंने लगातार मुसलमानों के हितों के खिलाफ काम किया है।” ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने भाजपा के सहयोगियों और सांसदों सहित सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों से वक्फ संशोधन विधेयक को अस्वीकार करने का आह्वान किया था।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH