लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते शनिवार को बुंदेलखंड क्षेत्र के किलों के जीर्णोद्धार के संबंध में बैठक के दौरान कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों से संपन्न है। झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट में ऐतिहासिक स्मृतियों को संजोए अनेक प्राचीन दुर्ग/किले/गढ़ हैं। हमें नई पीढ़ी को इनके महत्व से परिचय कराना चाहिए। बुंदेलखंड क्षेत्र में अवस्थित प्राचीन किलों/दुर्गों को पर्यटन के नवीन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। विशाल परिसर वाले कई किले अपनी भव्यता के साथ बेहतरीन होटल के रूप में तैयार हो सकते हैं। हमें इन संभावनाओं को आकार देना होगा।
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले झांसी के 08, बांदा के 04, जालौन के 02, ललितपुर के 07, हमीरपुर के 03, महोबा के 05 और चित्रकूट के 02 किलों के पुरातात्विक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व से परिचय कराती कॉफी टेबल बुक भी तैयार कराई जाए। हमें नई पीढ़ी को इनके महत्व से परिचय कराना चाहिए। इस संबंध में व्यवस्थित कार्य किए जाने की आवश्यकता है। यहां के अवस्थित प्राचीन किलों/दुर्गों का जीर्णाेद्धार कर उन्हें पर्यटन के नवीन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। कलिंजर का किला 542 हेक्टेयर के विशाल परिक्षेत्र में अवस्थित है। यहां निजी क्षेत्र की सहभागिता से लाइट एंड साउंड शो, कैम्पिंग-ट्रैकिंग रॉक क्लाइम्बिंग और फसाड लाइटिंग का कार्य कराया जाए। किले पर नाइट गेजिंग तथा नेचर ट्रेल की गतिविधियों को शुरू किया जाए। झांसी दुर्ग में पर्यटकों का आगमन होता है, वहीं समीप में स्थित बरुआ सागर किले तक जाने के लिए सुगम साधन की जरूरत है।
सीएम योगी ने कहा कि 12 एकड़ परिसर वाला टहरौली किला और 4 एकड़ परिसर वाली दिगारा की गढ़ी, चिरगांव का किला, लोहागढ़ का किला, चम्पत राय महल, रघुनाथ राव महल की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो रही है। इनके पुनरुद्धार के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। बरुआ सागर किला, टहरौली के किले, दिगारा की गढ़ी, चम्पत राय के किले, महल महिपाल निवास, सरीला और रघुनाथ राव के महल को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित कर फसाड लाइटिंग की जा। बरुआ सागर के समीप स्थित और तालबेहट किले के नीचे स्थित झीलों पर वॉटर स्पोर्ट्स /एडवेंचर टूरिज्म की गतिविधियों को शुरू किया जाए। मड़ावरा के किले और सौराई के किले पर पर्यटन की दृष्टि से पहुंच मार्ग, साइनेज तथा पेयजल व्यवस्था को बेहतर करें। देवगढ़ (दुर्ग) परकोटे के नीचे बेतवा नदी में वॉटर स्पोर्ट की संभावनाएं हैं। महावीर स्वामी अभ्यारण्य व बानपुर किले को ईको-टूरिज्म के लिए विकसित किया जाए। बुंदेलखंड में किलों/दुर्गों/गढ़ों के जीर्णाेद्धार के लिए PPP मॉडल अपनाया जाना चाहिए। CSR भी उपयोगी हो सकता है। जरूरत के अनुसार यूपी सरकार द्वारा भी वित्त पोषण किया जाएगा। ASI द्वारा संरक्षित तालबेहट दुर्ग की स्थिति बहुत अच्छी है। यह पर्यटकों हेतु प्रमुख आकर्षण है: