नई दिल्ली। क्रिकेट को और रोमांचक बनाने के उद्देश्य के साथ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने घरेलू क्रिकेट के मुकाबलों में सब्स्टीट्यूट प्लेयर उतारने के नियम को लागू करने का फैसला किया है। बीसीसीआई ने फैसला किया है कि टीमें अगले महीने शुरू हो रहे घरेलू टी-20 टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में एक सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी उतार सकती हैं। इस नए नियम को ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नाम दिया गया है।
बीसीसीआई ने इसे लेकर सभी राज्य संघों को सर्कुलर भेजा है। इसमें कहा गया है, ‘टी 20 क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के साथ यह जरूरी है कि हम नई चीजों को पेश करें, जो इस प्रारूप को दर्शकों के साथ-साथ टीमों को लिए और अधिक आकर्षक बनाए।’ बोर्ड के अनुसार ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के इस नियम से मैच में टीमों के सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों की भूमिका बढ़ जाएगी। इससे खेल में रणनीतिक तौर पर बदलाव आएगा। रिपोर्ट के अनुसार, अगर सब कुछ ठीक रहा तो फिर इस नियम को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आने वाले सत्रों में भी आजमाया जा सकता है।
क्या है नया नियम
टॉस के वक्त प्लेइंग-11 के साथ टीमों को अपने चार सब्सटीट्यूट भी बताने होंगे
चार में से केवल एक सब्सटीट्यूट का ही बतौर इम्पैक्ट प्लेयर इस्तेमाल होगा
मैच में पारी के 14वें ओवर तक ही इम्पैक्ट प्लेयर मैदान पर भेजे जा सकते हैं
जिस खिलाड़ी के बदले नए खिलाड़ी को भेजा जाएगा वह पूरे मैच से बाहर रहेगा। वह फील्डिंग भी नहीं कर सकेगा
ओवर खत्म होने, विकेट गिरने या प्लेयर के चोटिल होने के बीच ही इम्पैक्ट प्लेयर को मैदान पर उतार या भेजा जा सकता है, चलते मैच के बीच बदलाव नहीं हो सकता
बैटिंग कर चुके बल्लेबाज के बदले या फिर बॉलिंग कर चुके गेंदबाज के बदले भी इम्पैक्ट प्लेयर मैदान पर जा सकता है
इम्पैक्ट प्लेयर पूरी पारी में बल्लेबाजी कर सकता है और पूरे 4 ओवर गेंदबाजी कर सकता है, लेकिन किसी भी स्थिति में 11 खिलाड़ी ही बल्लेबाजी कर सकते हैं।