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हाजी शहजाद अली के घर पर बुलडोजर चलने पर भड़के ओवैसी, कहा- ये संविधान का वायलेशन

भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर में सिटी कोतवाली पर हुए पथराव के बाद आरोपी हाजी शहजाद अली के घर पर बुलडोजर चला दिया गया था। शहर के मस्तान साहब कॉलोनी में स्थित इस मकान की कीमत करोड़ों में आंकी गई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ। फिलहाल हाजी शहजाद अली के खिलाफ जिला प्रशासन ने लुक आउट सर्कुलर जारी किया है। उसके विभिन्न ठिकानों पर पुलिस छापा मार कार्रवाई कर रही है। पुलिस उसे जल्द से जल्द पकड़ने की कोशिश कर रही है।

दरअसल, 21 अगस्त से पुलिस छतरपुर हिंसा के मुख्य आरोपी शहजाद अली की तलाश कर रही है, लेकिन हाजी अली अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। पुलिस को इस बात का डर है कि कहीं वह देश छोड़ कर किसी दूसरे देश में न चला जाए। इसलिए पुलिस ने आरोपी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर नोटिस जारी किया है। उधर अब इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। मामले पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह के बाद अब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री भी हो चुकी है।

असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा जिस तरह से एमपी की सरकार ने हाजी शहजाद अली के घर को ध्वस्त कर दिया, हम इसकी मजम्मत करते हैं। सरकारी चलती है तो रूल आफ लॉ से रूल ऑफ मॉब के जरिए नहीं। कल आपके पास सत्ता नहीं रहेगी तो कल जो सरकार आएगी जनता उनको हटाएगी तो वह क्या वह सरकार आपकी और आपके जिम्मेदारों के उनके घरों को तोड़ दे। बुलडोजर के जरिए आप जो कुछ कर रहे हैं यह संविधान का वायलेशन है।

नरेंद्र मोदी पीएम की हैसियत से पार्लियामेंट में संविधान को चूमते हैं और चूमने का ड्रामा करते हैं और वहां मध्य प्रदेश की सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है किसी के घर को तोड़ रही है। स्टेट स्पॉन्सर्ड कम्युनलिज्म मध्य प्रदेश में किया जा रहा है। इसका सिर्फ एक ही फिरके के खिलाफ चाहे उनके घर को तोड़ दिया जाता है, कभी एनकाउंटर के नाम पर उनको गोलियां मार दी जाती हैं। मुझे यकीन है कोर्ट के पास मसला जरूर जाएगा और कोर्ट से इंसाफ जरूर होगा।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जो सरकार डिमोलिशन के जरिए सत्ता चलाती है वह याद रखे कि आप किसी का घर तोड़ रहे, इंशाल्लाह वो वक़्त भी आएगा जब इसी तरह अपने वोट के जरिए जनता आपकी हुकूमत का डिमोलिशन करेगी। ओवैसी ने एक वीडियो में कहा, “पत्थरबाजी की घटना के एक दिन बाद अली का घर गिरा दिया गया, जबकि उसने दावा किया था कि उसके पास घर के लिए कानूनी अनुमति थी। वैध अनुमति के अभाव में स्थानीय प्रशासन को उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था।” उन्होंने पूछा कि क्या अली के घर को गिराने से पहले उसे नोटिस दिया गया था।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH