नई दिल्ली। पाकिस्तान की एक बार फिर इंटरनेशनल बेइज्जती हुई है। खबर है कि रूस ने पाकिस्तान को डिस्काउंटेड रेट्स पर तेल देने से मना कर दिया है। पाकिस्तान ने उसने दो हफ्ते पहले ही देश में ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए रूस से डिस्काउंट पर तेल खरीदने की बात कही थी, लेकिन अब इससे यू-टर्न ले लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो ने इस बात से साफ इनकार किया कि इस्लामाबाद रूस से रियायती दरों पर तेल का आयात करेगा। ये फैसला पाकिस्तान को मजबूरन लेना पड़ा है न कि अपनी मर्जी से। दरअसल, रूस ने पाकिस्तान को उस दर पर डिस्काउंट के साथ तेल बेचने से इनकार कर दिया, जिस दर पर वह भारत को बेच रहा है। इसके बाद फजीहत से बचने के लिए बिलावल को ये बयान देना पड़ा है।
क्यों पाकिस्तान नहीं खरीद पाएगा तेल?
जी-7 देशों और यूरोपीय संघ ने रूस से तेल खरीदने के मामले में 60 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से कैप लगा दिया है। जिसके चलते रूस ने कहा है कि जो इस सीमा का पालन नहीं करेगा, उसे तेल भी नहीं दिया जाएगा। पाकिस्तान से इसी कैप के तहत तेल खरीदने को कहा गया, लेकिन वह इस लायक ही नहीं है। मतलब ये कि उसकी क्षमता इतनी नहीं है। लेकिन अगर वह रूस से किसी और तरह की सहमति बना लेता है, तो तेल जरूर खरीद सकता है। लेकिन ऐसी स्थिति में उसके रिश्ते जी-7 देशों, यूरोपीय संघ और अमेरिका से बिगड़ जाएंगे।