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पाकिस्तान के विदेश मंत्री बांग्लादेश के दौरे पर, जानें किन मुद्दों पर होगी चर्चा

बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों की बदलती तस्वीर नजर आ रही है, पूरे 13 साल बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बांग्लादेश का दौरा करने वाले हैं. बांग्लादेश में लंबे समय तक शेख हसीना की सरकार रही, शेख हसीना ने पाकिस्तान से 1971 की मुक्ति के दौरान किए गए अत्याचारों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए बार-बार कहा, लेकिन यह डिमांड पूरी नहीं हुई, मगर देश में तख्तापलट होने के बाद अब राजनीतिक तस्वीर बदलती नजर आ रही है.

पाकिस्तान और बांग्लादेश एक दूसरे की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा, बांग्लादेश, पाकिस्तान का खोया हुआ भाई है और अगले महीने ढाका की यात्रा “महत्वपूर्ण” होगी. इससे पहले साल 2012 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बांग्लादेश का दौरा किया था.

किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार अगले महीने बांग्लादेश की यात्रा पर रहेंगे. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री को D-8 समिट के दौरान पाकिस्तान आने के लिए न्योता दिया था. इसी के चलते पूरे 13 साल के बाद वो देश का दौरा करने वाले हैं. बांग्लादेश की यात्रा को लेकर इशाक डार ने कहा कि हम इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के अर्थव्यवस्था में स्पोर्ट और सहयोग के लिए काम करेंगे. इन मुद्दों पर चीजें तेजी से आगे बढ़ रही हैं.

द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए पहल

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस 19 दिसंबर को मिस्र में आयोजित D-8 सम्मेलन के दौरान मिले थे. इस दौरान दोनों ने आपसी हित के सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर सहमति जताई. साथ ही इनकी मुलाकात ने नई कूटनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया.

शिखर सम्मेलन के इतर, यूनुस ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से 1971 के मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया था ताकि बांग्लादेश को पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके. यूनुस ने पाकिस्तान के पीएम से कहा था, मुद्दे बार-बार आते रहे हैं, आइए आगे बढ़ने के लिए उन मुद्दों को सुलझाएं.

शहबाज शरीफ ने इस दौरान कहा था कि 1974 में बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत से जुड़े त्रिपक्षीय समझौते से चीजें सुलझ गईं, लेकिन अगर अन्य लंबित मुद्दे हैं, तो उन्हें उन पर गौर करने में खुशी होगी.

 

 

 

 

 

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH