पटना। बिहार की राजधानी पटना में पुलिस ने देश विरोधी गतिविधियों का खुलासा किया है। यहाँ के फुलवारीशरीफ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की आड़ में आतंक की फैक्ट्री चल रही थी।
यहां लोगों को हथियार चलाने और धार्मिक उन्माद फैलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर पटना पुलिस ने फुलवारीशरीफ स्थित नया टोला में पीएफआई के कार्यालय में छापेमारी की। मौके से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार संदिग्ध मो. जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का सेवानिवृत्त दारोगा है। उसके साथ अतहर परवेज नाम के शख्स की भी गिरफ्तारी हुई है। कार्यालय की तलाशी में बड़े पैमाने पर आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं। इसमें पीएफआई के मिशन-2047 से जुड़े गोपनीय दस्तावेज भी हैं।
फुलवारीशरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नया टोला के अहमद पैलेस में कुछ लोगों के देश विरोधी साजिश में शामिल होने की खुफिया जानकारी मिली थी। पिछले दो माह से वहां संदिग्ध गतिविधियां जारी थी। दूसरे राज्यों से भी लोगों का वहां आना-जाना था। सूचना की कई एंगल से जांच की गई तो मामला सही पाया गया।
इसके बाद नया टोला नहर पर स्थित अहमद पैलेस में 11 जुलाई की रात छापेमारी की गई। वहां से मकान मालिक मो. जलालुद्दीन और अतहर परवेज (गुलिस्तान मोहल्ला, फुलवारीशरीफ) को गिरफ्तार किया गया।
तलाशी में पीएफआई के मिशन-2047 के गोपनीय दस्तावेज के साथ झंडा, पंफलेट, बुकलेट और अन्य सामान बरामद हुए हैं। मिशन-2047 को भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए मुहिम चलाने से संबंधित दस्तावेज बताया गया है। इसके तहत दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाने और राष्ट्र के विरुद्ध दूसरे देशों से मदद का आह्वान किया जाना था।
ट्रेनिंग में शामिल लोगों को उन्माद फैलाने का सौंपा था टास्क
एएसपी ने बताया कि पीएफआई के कार्यालय में देश विरोधी एजेंडे पर बैठक होती थी और उसमें रणनीति बनाई जाती थी। इन बैठकों में मो. जलालुद्दीन और अतहर परवेज भी शामिल रहते थे। इसमें लोगों के दिमाग में देश विरोधी बातें भरी जाती थीं।
गत 6-7 जुलाई को प्रशिक्षण के लिए बड़ी संख्या में लोगों को बुलाया गया था। इसमें मार्शल आर्ट के नाम पर लोगों को शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग देने और धार्मिक उन्माद फैलाने के साथ आतंकी गतिविधियां करने के लिए उकसाने की बात सामने आई है। प्रशिक्षण में शामिल लोगों को अपने-अपने इलाके में ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित करने और धार्मिक उन्माद के लिए प्रेरित करने का भी टास्क सौंपा गया था।