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पीएम मोदी की अपील: 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक अनक्लेम्ड धन वापस दिलाने के लिए विशेष अभियान जारी

क्या आप जानते हैं कि आपकी मेहनत की कमाई का कुछ हिस्सा वर्षों से बैंक, बीमा कंपनियों या म्यूचुअल फंड में बिना दावा किए पड़ा हो सकता है? संभव है कि हजारों या लाखों रुपये आपके नाम से सुरक्षित हों, लेकिन जानकारी के अभाव में आप तक पहुंच नहीं पा रहे हों। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अपील लोगों को उनके छिपे हुए धन से जोड़ने की एक बड़ी पहल मानी जा रही है।

प्रधानमंत्री ने लिंक्डइन पर बताया कि देश में लगभग 78,000 करोड़ रुपये बैंक खातों में, 14,000 करोड़ रुपये बीमा कंपनियों में, 3000 करोड़ रुपये म्यूचुअल फंड में और लगभग 9000 करोड़ रुपये डिविडेंड के रूप में अनक्लेम्ड पड़े हैं। यह धन उन करोड़ों लोगों का है, जिन्होंने समय पर दावा न करने के कारण इसे प्राप्त नहीं किया।

लोगों की अटकी हुई रकम वापस दिलाने के लिए सरकार ने अक्टूबर 2025 में ‘Your Money, Your Right’ अभियान शुरू किया। इस अभियान का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को उसकी कमाई सरल और पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए वापस मिल सके।

सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रमुख पोर्टल

RBI का UDGAM पोर्टल – अनक्लेम्ड बैंक जमा की जानकारी के लिए

IRDAI का Bima Bharosa पोर्टल – बीमा पॉलिसियों में पड़ी अनक्लेम्ड राशि के लिए

SEBI का MITRA पोर्टल – म्यूचुअल फंड से जुड़ी बिना दावा राशि जांचने के लिए

MCA का IEPFA पोर्टल – डिविडेंड और अनक्लेम्ड शेयर के लिए

सरकार के अनुसार, दिसंबर 2025 तक देश के 477 जिलों में विशेष सुविधा कैंप लगाए जा चुके हैं, जिनके माध्यम से दूर-दराज के क्षेत्रों में भी लोगों तक पहुंच बनायी गई है। इन प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव यह है कि अब तक करीब 2000 करोड़ रुपये असली मालिकों को वापस किए जा चुके हैं।

पीएम मोदी की जनता से अपील

प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया है कि वे समय निकालकर इन पोर्टलों पर अपनी या परिवार की अनक्लेम्ड रकम अवश्य जांचें। कई बार पुरानी बैंक पासबुक, खोई हुई पॉलिसियां, पुराने शेयर या म्यूचुअल फंड योजनाएं अनजाने में छूट जाती हैं, जबकि इनमें जमा धन किसी व्यक्ति का बड़ा आर्थिक सहारा बन सकता है। सरकार उम्मीद कर रही है कि यह पहल लाखों लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH