उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने सारी अटकलों को विराम देते हुए देहरादून में शुक्रवार देर रात सवा ग्यारह बजे राजभवन पहुंच कर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया। तीरथ रावत ने बीती 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी और इस तरह से रावत चार महीने का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाए।
तीरथ सिंह रावत ने कहा, ‘मैं छह महीने के अंदर दोबारा नहीं चुना जा सकता। ये एक संवैधानिक बाध्यता है। इसलिए अब पार्टी के सामने मैं अब कोई संकट नहीं पैदा करना चाहता और मैं पद से इस्तीफे की पेशकश कर रहा हूं। आप मेरी जगह किसी नए नेता का चुनाव कर लें।’
इस्तीफे की असल वजह
ख़बर के मुताबिक, तीरथ सिंह रावत के चहरे के सहारे चुनाव जीतना मुश्किल था। फिर पार्टी नेतृत्व को यह डर भी था कि अगर रावत उपचुनाव में हार गये या उनकी तरफ से खाली की गई लोकसभा की पौड़ी गढ़वाल सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी हार गई तो इसका बड़ा सियासी नुक़सान होगा। पौड़ी गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत को 10 सितंबर तक विधानसभा चुनाव जीतना था। पहले उन्हें सल्ट उपचुनाव लड़ने की सलाह दी गई थी, लेकिन वो तैयार नहीं हुए।
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