नई दिल्ली। झारखंड विधानसभा में सोमवार को बुलाए विशेष सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। हेमंत सोरेन सरकार के पक्ष में 45 मत पड़े, जबकि विपक्ष में शून्य वोट पड़े। फ्लोर टेस्ट के बाद विधानसभा का विशेष सत्र अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। बता दें कि फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले यानी रविवार को सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों ने विधानसभा के विशेष सत्र के लिए रणनीति तैयार करने के लिए अलग-अलग बैठकें की। बता दें कि राज्यपाल की स्वीकृति के बाद विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है।
बता दें कि गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों ने पहले ही विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का भरोसा जताया था, हालांकि बीजेपी का कहना था कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए ये आसान नहीं होने वाला, लेकिन बीजेपी के इन दावों के बीच हेमंत सोरेन सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया।
बता दें कि झारखंड में विधानसभा की कुल 82 सीटें हैं। ऐसे में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 42 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ती है. ऐसे में हेमंत सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को 44 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा था। जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी, कांग्रेस, भाकपा माले के विधायकों का नाम शामिल था. विशेष सत्र से एक दिन पहले रविवार को सत्तापक्ष के विधायकों की बैठक हुई. जिसमें फ्लोर टेस्ट और कैबिनेट विस्तार की रणनीति बनाई गई।