सात साल की लंबी प्रक्रिया के बाद पंजाब विधानसभा से पारित पंजाब पशु चारा, कंसंट्रेटस और मिनरल मिक्सचर बिल-2018 को आखिरकार राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के बाद अब राज्य सरकार कानूनी रूप से पशु चारे की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी कर सकेगी, ताकि मवेशियों को संतुलित और सुरक्षित चारा उपलब्ध कराया जा सके।
यह बिल पहली बार 2018 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा पास किया गया था। इसका उद्देश्य जानवरों की सेहत, दुग्ध उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना था। विधानसभा से पास होने के बाद इसे कानूनी सलाहकारों ने कुछ आपत्तियों के साथ राष्ट्रपति के पास भेजा था, जिससे मंजूरी की प्रक्रिया लंबी खिंच गई और 2019 से यह प्रस्ताव विचाराधीन था।
पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी ने बताया कि राज्य सरकार लंबे समय से इस बिल की मंजूरी के लिए केंद्र के साथ बातचीत कर रही थी। अब इसके लागू होने से डेयरी सेक्टर में बड़े बदलाव की उम्मीद है।
बिल के लागू होने से लगभग 25 लाख गाय-बैलों और 40 लाख भैंसों को बेहतर गुणवत्ता वाला चारा मिलेगा। इसके साथ ही राज्य में मौजूद करीब दो हजार पशु चारा उत्पादकों पर प्रभावी निगरानी रखी जा सकेगी और घटिया चारा बनाने वालों के खिलाफ कार्यवाही को मजबूत आधार मिलेगा। नई व्यवस्था से ग्रामीण क्षेत्रों में दूध उत्पादन बढ़ने, पशुपालकों की आय में सुधार और डेयरी आधारित व्यवसायों को बढ़ावा मिलने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।




