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पंजाब में नशे के खिलाफ निर्णायक जंग : 9 महीनों में 26,256 केस दर्ज, 38,687 तस्कर गिरफ्तार

पंजाब में नशा तस्करों पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के सख्त निर्देशों के बाद राज्य में नशे के खिलाफ शुरू हुई व्यापक मुहिम को नौ महीने पूरे हो चुके हैं और इसका असर स्पष्ट दिख रहा है।

1 मार्च 2025 से अब तक पंजाब पुलिस ने 26,256 केस दर्ज किए हैं और 38,687 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 1,714 किलोग्राम से अधिक हेरोइन सहित बड़ी मात्रा में नशीला पदार्थ जब्त किया गया है। सरकार ने दोहराया है कि नशे के प्रति “ज़ीरो टॉलरेंस नीति” पर कोई समझौता नहीं होगा।

नशा छोड़ चुके युवाओं के लिए पुनर्वास और रोजगार का नया मॉडल

कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ सरकार सुधार आधारित मॉडल पर भी काम कर रही है। इसी दिशा में लुधियाना जिला प्रशासन ने डेयरी विकास और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जगरांव के सरकारी पुनर्वास केंद्र में 10 दिवसीय स्किल ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य नशे का उपचार ले रहे युवाओं को रोजगार योग्य कौशल सिखाना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे फिर से नशे की चपेट में न लौटें।

उपायुक्त हिमांशु जैन ने इसे “होलिस्टिक रिहैबिलिटेशन की दिशा में इंसानियत भरा कदम” बताया। उद्घाटन दिवस पर डेयरी विकास विभाग के उप निदेशक सुरिंदर सिंह ने युवाओं को डेयरी फार्मिंग और इससे जुड़े कार्यों की व्यावहारिक ट्रेनिंग दी।

सरकारी योजनाओं के तहत लोन और आर्थिक मदद भी उपलब्ध

अधिकारियों के अनुसार, प्रशिक्षण के बाद योग्य युवाओं को सरकारी योजनाओं के माध्यम से छोटी डेयरी यूनिट शुरू करने के लिए बैंक से लोन और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह पहल सिविल सर्जन डॉ. रमनदीप कौर, लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर गुरदेव सिंह कंग और केंद्र प्रभारी डॉ. विवेक गोयल की निगरानी में संचालित की जा रही है।

सुधार, आत्मनिर्भरता और समाज की मुख्यधारा में वापसी पर फोकस

सरकार का मानना है कि कौशल प्रशिक्षण, उपचार और पुनर्वास को जोड़कर ही नशे के दुष्चक्र को तोड़ा जा सकता है। यह कार्यक्रम युवाओं को न सिर्फ रोजगार देता है, बल्कि आत्मविश्वास और सम्मान के साथ समाज की मुख्यधारा में लौटने का अवसर भी प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ दोहरी रणनीति अपनाई है—

एक ओर तस्करों पर सख्त कार्रवाई,

दूसरी ओर नशा पीड़ित युवाओं को दोबारा जीवन पटरी पर लाने की संवेदनशील कोशिश।

राज्य सरकार का कहना है कि युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखना उसकी सर्वोच्च जिम्मेदारी है। नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई और प्रभावित युवाओं को रोजगार व सम्मानजनक जीवन देकर सरकार एक खुशहाल और नशा-मुक्त पंजाब की नींव रख रही है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH