नई दिल्ली। भारत में पिछले कुछ सालों मे नकली दवाओं का कारोबार बहुत बढ़ गया है। ASSOCHAM की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में नकली दवाओं का कारोबार करीब 10 बिलियन डॉलर यानी एक हजार करोड़ रुपए से ऊपर का है।
इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने दवाओं पर क्यूआर कोड लगाने का बड़ा फैसला लिया है। इसके लिए उपभोक्ता मंत्रालय एक पोर्टल बनाने वाली है। जहां एक यूनीक आईडी कोड फिट किया जाएगा, जिससे आसानी से ये पता चल सकेगा कि दवाईयां असली या नकली है।
नकली दवाईयों की पहचान और उनकी बिक्री पर रोक लगाने के लिए ट्रैक एडं ट्रेस सिस्टम शुरु होने वाला है, पहले फेज में 300 से ज्यारदा दवाइयों पर बारकोड लगाने की तैयारी चल रही है। ये सभी दवाएं ऐसी है जो मार्केट में ज्यादा बिकती है। पिछले कुछ सालों में नकली दवाईयों के कई मामले सामने आए है। जिनमें से कुछ राज्य की एजेंसियों ने जब्त कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक इसी साल जून के महीने में सरकार ने फार्मा कंपनियों को पैकेट पर बारकोड या क्यूआर कोड चिपकाने के लिए कहा था। एक बार इसे लागू करने के बाद उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा विकसित एक वेबसाइट पर यूनिक आईडी कोड फीड किया जाएगा। इससे यह पता लगा सकेंगे कि दवा असली है या नकली और बाद में इसे मोबाइल फोन के द्वारा ट्रैक भी किया जा सकता है।