लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन पर समीक्षा की। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि PM श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी विचारों से प्रकाशित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ में ज्ञान के सैद्धान्तिक और व्यावहारिक आयामों का बेहतर समावेश है। यह नीति समाज को स्वाबलंबन और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध होगी। इस नीति के प्रभावी होने से विद्यार्थी किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि उनका व्यावहारिक व तकनीकी ज्ञान भी समृद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के अनेक शैक्षणिक संस्थान सराहनीय कार्य कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति के ‘आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः’ के सूत्र वाक्य को आत्मसात करते हुए उनकी बेस्ट प्रैक्टिसेज को शासकीय संस्थानों में लागू किया जाना चाहिए। प्रदेश के सबसे बड़े अन्तर्विभागीय कन्वर्जेंस कार्यक्रम ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ और ‘स्कूल चलो अभियान’ का 1.33 लाख स्कूलों में सफल क्रियान्वयन हुआ है। विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए ₹6,200 करोड़ से अधिक की धनराशि का निवेश किया गया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि परिषदीय विद्यालय में बच्चों के दाखिले के साथ ही उनकी यूनिफॉर्म और पाठ्य सामग्री की उपलब्धता हो जाए। बच्चों की यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग के लिए सीधे अभिभावक के बैंक खाते में धनराशि भेजी जा रही है।
सीएम योगी ने कहा कि शिक्षकों की विद्यालय में उपस्थिति अनिवार्य रूप से हो। प्रॉक्सी टीचर की एक भी गतिविधि स्वीकार्य नहीं है। प्रत्येक परिषदीय विद्यालय में स्मार्ट क्लास और बुक बैंक की व्यवस्था कराई जाए। शिक्षा में गुणवत्ता यूपी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। निपुण भारत अभियान के तहत साप्ताहिक शिक्षण योजना, स्कूलों में पुस्तकालय और स्कूल लीडरशिप प्रोग्राम आदि अभिनव योजनाओं का क्रियान्वयन किया है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित करने के अच्छे नतीजे मिल रहे हैं। विद्यालयों में तकनीक को बढ़ावा दिया जाए। माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जाए। इन विद्यालयों में कुशल संसाधन एवं प्रभावी गवर्नेंस के लिए यथाशीघ्र राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण का गठन किया जाए: स्कूल जाने वाले बच्चों को तकनीक के अत्यधिक जोखिम से बचाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण की एक हाइब्रिड प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। स्कूली शिक्षा में निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए: