आज के समय में जहाँ लोग सरसों का तेल छोड़ कर जिस ऑयल का इस्तेमाल करते हैं, आपको अंदाजा भी नही होगा वो आपकी सेहत के लिए कितना नुक्सानदायक हैं. भोजन में तेल सबसे महत्वपूर्ण होता हैं हम लोग दो से तीन टाइम ही तो भोजन करते हैं और उसमे भी अगर सस्ते तेल या ऐसे वैसे तेल का इस्तेमाल करेंगे तो क्या फर्क पड़ेगा हमारे शारीर पर कभी सोचा हैं ? रिफाइंड ऑयल। आजकल आपको टीवी में कई तरह के रिफाइंड ऑयल यह दावे करते हुए नजर आते हैं कि वह आपकी सेहत का ख्याल रखेंगे। इन्हें देखकर लोग भी यह मानने लगते हैं कि यह सेहत को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुँचाते जबकि वास्तविकता इससे काफी भिन्न है। आपको शायद न पता हो लेकिन रिफाइंड ऑयल सेहत के लिए कई मायनों में हानिकारक होता है।
रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल से होने वाले नुक्सान –
रिफाइंड ऑयल होता है प्यूरीफाई
रिफाइंड ऑयल को रिफाइंड करने के लिए कई तरह के केमिकल प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। आपको बता दे कि इसे प्यूरीफाई करने के लिए न सिर्फ हेक्सेन नामक रसायन का प्रयोग किया जाता है, बल्कि रिफाइंड ऑयल तैयार करने के लिए पहले ऑयल की पीयूएफ अर्थात रैंकिड पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड प्रक्रिया निभाई जाती है और यह प्रक्रिया केवल उच्च तापमान पर ही संभव है। ऐसे में जब तेल की रिफाइनिंग के दौरान जब तेल को बहुत उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है तो यह ऑयल ऑक्साइड होकर ट्रांसफैट में तब्दील हो जाता है। जो आपकी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है।
रिफाइंड ऑयल कोलेस्ट्रॉल मुक्त ऑयल
यह कोलेस्ट्रॉल फ्री होते हैं, जिसके कारण इन्हें हॉर्ट के लिए हेल्दी माना जाता है। अब हम आपको बता दे कि इन्हें कोलेस्ट्रॉल फ्री ऑयल में फैटी एसिड भी नहीं होते। यह फैटी एसिड शरीर के लिए काफी जरूरी माने जाते हैं और ऑयल में फैटी एसिड न होने के कारण आपको जोड़ों व स्किन के साथ−साथ कई तरह की समस्याएं भी पैदा करते हैं।
रिफाइंड ऑयल में नहीं होता प्रोटीन
आपको बता दे कि प्रोटीन शरीर के लिए बहुत आवश्यक घटक है। आप पारंपरिक तेलों के इस्तेमाल के दौरान एक गंध महसूस करते हैं, वह उसमें मौजूद प्रोटीन के कारण होता है। लेकिन रिफाइंड ऑयल की प्रोसेसिंग के दौरान उसकी गंध को दूर किया जाता है, मतलब आप उस तेल में से प्रोटीन निकाल कर अलग कर देते हैं।
तो अब आपको अंदाजा हो गया होगा की कितना घटिया होता हैं ये रिफाइंड ऑयल जिसको आप अच्छा समझ कर आराम से जहर का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आप अपनों से प्यार करते हैं तो ये तेल का इस्तेमाल बंद कर दीजिये । बेहतर होगा कि आप इसके स्थान पर पारंपरिक खाद्य तेल जैसे सरसों, तिल, मूंगफली या नारियल तेल का प्रयोग करें। आप चाहें तो घी भी इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन आप कभी भी भूल कर डालडा और रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल न करे जितना हो सके इससे बचे।