लखनऊ। सरयू किनारे अवस्थित अयोध्या नगरी आज अपने पौराणिक आभा के अनुरूप सज-संवर गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में अयोध्या नगरी विकास के नित नए प्रतिमान गढ़ रही है। अयोध्या का दीपोत्सव आज नए भारत की विशिष्ट पहचान बन रहा है। आज यहां हर ओर भव्यता-दिव्यता को साकार रूप में अनुभव किया जा सकता है।
दीपोत्सव बना नए भारत की पहचान
नए भारत की पहचान ‘अयोध्या दीपोत्सव’ प्रति वर्ष नए कीर्तिमान के साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो रही है। यही नहीं शताब्दियों की प्रतीक्षा के उपरांत श्रीराजन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो 22 जनवरी 2024 में लोकार्पित होने वाला है। इसके अलावा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण भी अंतिम चरण में है। उत्तर प्रदेश का ये चौथा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जल्द क्रियाशील होने को तैयार है। सिर्फ इतना ही नहीं ‘नव्य अयोध्या’ की स्थापना के उद्देश्य से लगभग 1893 एकड़ में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से युक्त नवीन ग्रीनफील्ड वैदिक सिटी के विकास की प्रक्रिया भी गतिमान है।
मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित हो रही अयोध्या
अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय पहले ही योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ले लिया है। सरयू किनारे 40 मेगावॉट की सोलर विद्युत उत्पादन परियोजना के विकास का निर्णय हो या स्मार्ट सिटी के रूप में अयोध्या का विकास, इन्टेलिजेन्ट ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम का विकास बदलती हुई अयोध्या की निशानी है। इसके अलावा यहां के प्रमुख 4 स्थानों यथा- हनुमानगढ़ी, नयाघाट, अयोध्या रेलवे स्टेशन और गुप्तारघाट पर वाई-फाई की सुविधा भी प्रदान कर दी गई है।
कॉमन बिल्डिंग कोड से बढ़ेगी नगर की सुंदरता
अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सुगमता की दृष्टि से सहादतगंज से नया घाट तक करीब 13 किलोमीटर लंबे ‘रामपथ’ का निर्माण कार्य प्रगति पर है। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के समीप वाले क्षेत्रों में कामन बिल्डिंग कोड लागू है, जिसके जरिए नगर की सुंदरता को नवीन आयाम मिलने वाला है। यही क्यों पर्यटकों/श्रद्धालुओं को जलयान भ्रमण का आनंद सुलभ कराने के लिए ‘जटायु क्रूज सेवा’ संचालित की जा चुकी है।
परिक्रमा मार्ग पर रामायण कालीन दृष्टांत
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अयोध्या धाम की पंचकोसी और चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग का सुंदरीकरण और चौड़ीकरण किया जा रहा है। इसके अलवा परिक्रमा मार्ग पर “रामायण कालीन” दृष्टांतों को उत्कीर्ण करने का अद्भुत कार्य गतिमान है। परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले 208 पौराणिक महत्व के स्थलों पर अनुसंधान कर उन्हें आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है।
क्वीन मेमोरियल पार्क से प्राचीन मैत्री सम्बन्धों को मिल्क नकवीं आयाम
वहीं लगभग दो हजार वर्गमीटर के परिक्षेत्र में क्वीन मेमोरियल पार्क का विकास किया जा रहा है। इससे दक्षिण कोरिया और भारत के प्राचीन मैत्री संबंधों को नवीन आयाम मिलेगा। पार्क में मेडिटेशन हॉल, क्वीन पवेलियन, किंग पवेलियन, पाथ-वे, फाउंटेन, म्यूरल, ऑडियो-वीडियो इत्यादि का निर्माण तेज गति से जारी है। इसके अलावा मंदिर संग्रहालय की स्थापना, श्रीराम मंदिर के डिज़ाइन से प्रेरित अयोध्या के भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण। पावन 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को ‘राष्ट्रीय राजमार्ग’ घोषित। भव्य अयोध्या की परिकल्पना के तहत नगर के तेरह किलोमीटर मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण, मार्ग के दोनों ओर रामायण कालीन वृक्षों की छाया, गुप्तार घाट से जानकी घाट तक के विकास और सुंदरीकरण का कार्य, पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए नया घाट के निकट भव्य पर्यटन सुविधा केंद्र का निर्माण हो रहा है।
108 से अधिक कुंडों का पुनरोद्धार
यही क्यों श्रीराम कथा संग्रहालय के संचालन के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से अनुबंध हो चुका है। सरयू तट पर स्थित जामतारा में पीपीपी के माध्यम से राम अरण्य की परिकल्पना पूरी हो चुकी है, जहां श्री राम के 14 वर्ष के वनवास की कथाओं को विभिन्न माध्यमों से सजीव किया जाएगा। ‘कुंडों का नगर’ कहे जाने वाले अयोध्या के 108 से भी अधिक कुंडों का पुनरोद्धार होना शुरू हो गया है। साथ ही साथ पौराणिक सूर्यकुंड पर लाइट एंड साउंड शो का संचालन भी योगी सरकार में होने लगा है। इसके अलावा 67 हेक्टेयर के झील ‘समदा वेटलैंड’ का इकोलॉजिकल संरक्षण हुआ तो यह प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के लिए संपन्न जैव-विविधता हॉटस्पॉट बन गया।
बढ़ी कनेक्टिविटी, खुलेंगे फाइव स्टार होटल
योगी सरकार की ओर से अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं से इसे सुसज्जित किया जा रहा। भारत के विभिन्न नगरों से अयोध्या की 4 या 6 लेन रोड कनेक्टिविटी लोगों को अचंभित करने वाली हैं। अयोध्या में वर्षों से बंद रामलीला का पुनः शुरू होना राम भक्तों के लिए अपार हर्ष का विषय है। सबसे अनूठी बात ये है कि अयोध्या में विभिन्न राज्यों, धार्मिक पीठों, मठ-मंदिरों की ओर से अतिथि ग्रहों का निर्माण तथा विश्वस्तरीय होटल चेन कम्पनियों द्वारा 5-7 सितारा होटल बनाने के लिए प्रस्ताव मिलने लगे हैं।