संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला है। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। प्रशासन ने मंदिर के दरवाजे खोले तो अंदर काफी धूल जम चुकी थी। ऐसे में संभल के सीओ अनुज कुमार चौधरी और अन्य पुलिसकर्मियों ने खुद ही हाथों से शिवलिंग और अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां साफ कीं। मंदिर खोले जाने का वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में एक पुलिसकर्मी को मंदिर की घंटी बजाते हुए देखा जा सकता है। नगर हिन्दू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी का दावा है कि 1978 के बाद मंदिर को दोबारा खोला गया है।
संभल के एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र बताते हैं कि हमें मंदिर के सामने एक प्राचीन कुएं के बारे में जानकारी मिली थी। खुदाई करने पर इलाके में एक कुआं मिला है। सीओ अनुज कुमार चौधरी का कहना है, ‘हमें सूचना मिली थी कि इलाके में एक मंदिर पर अतिक्रमण किया जा रहा है। जब हमने मौके का निरीक्षण किया तो हमें वहां एक मंदिर मिला।’
फिलहाल ये मंदिर प्रशासन के एक अभियान के दौरान मिला है, जहां बिजली चोरी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी। संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा बताती हैं, ‘जब हम बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे थे तो हमें एक मंदिर मिला। इलाके के लोगों ने बताया कि मंदिर 1978 से बंद है। मंदिर को खोल दिया गया है और साफ-सफाई की गई है। मंदिर पर से अतिक्रमण हटाया जाएगा।’
नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी का दावा है कि 1978 के बाद मंदिर को फिर से खोला गया है। विष्णु शरण रस्तोगी कहते हैं, ‘हम खग्गू सराय इलाके में रहते थे। हमारे पास में ही (खग्गू सराय इलाके में) एक घर है। 1978 के बाद हमने घर बेच दिया और जगह खाली कर दी। ये भगवान शिव का मंदिर है। हमने ये इलाका छोड़ दिया और हम इस मंदिर की देखभाल नहीं कर पाए। इस जगह पर कोई पुजारी नहीं रहता। 15-20 परिवार इस इलाके को छोड़ कर चले गए। हमने मंदिर को बंद कर दिया था क्योंकि पुजारी यहां नहीं रह पाते थे। किसी पुजारी ने यहां रहने की हिम्मत नहीं की। मंदिर 1978 से बंद था और आज इसे खोल दिया गया है।’