नई दिल्ली। भारत के दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ जारी की गई अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से उत्पन्न मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे इस समिति के अध्यक्ष होंगे।
सुप्रीम कोर्ट निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक तंत्र से संबंधित समिति के गठन पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को भी जांच करने का निर्देश दिया कि क्या सेबी के नियमों की धारा 19 का उल्लंघन हुआ है? क्या स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर हुआ है? कोर्ट ने समिति व सेबी को दो महीने में सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपने को कहा है।
सभी स्थितियों का आकलन करेगी समिति
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि समिति स्थिति का समग्र आकलन करेगी और निवेशकों को जागरूक करने के उपाय सुझाएगी। एक्सपर्ट कमेटी में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएम सप्रे के साथ ही ओपी भट्ट, केवी कामथ, नंदन नीलेकणि, सोमशेखर सुंदरेसन शामिल हैं। सेबी और जांच एजेंसियां विशेषज्ञ पैनल का समर्थन करेंगी। सर्वोच्च न्यायालय ने हालिया शेयर दुर्घटना की जांच के लिए समिति गठित करने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप को लेकर अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की जो रिपोर्ट पब्लिश की गई, उसके बाद से गौतम अडानी के नेतृत्व वाली कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली थी और इसका असर उनकी नेटवर्थ पर ऐसा पड़ा कि हफ्तेभर में वे अमीरों की सूची से ही बाहर हो गए थे।
ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, गौतम अडानी की कुल संपत्ति कम होकर महज 84.4 अरब डॉलर रह गई थी। महीनेभर में ही उन्होंने 36.1 अरब डॉलर की रकम गंवा दी।