नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को दो हफ्ते के अंदर पंजाब से उत्तर प्रदेश की जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। यह आदेश इसलिए दिया गया है ताकि अंसारी वहां पर मुकदमे का सामना कर सके। इस बीच पंजाब सरकार पर ये आरोप भी लगते रहे कि वो मुख्तार अंसारी को यूपी नहीं भेजना चाहती है इसलिए अड़ंगे लगा रही है। हालांकि पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने ऐसी किसी भी बात से इंकार किया है।
सुखजिंदर रंधावा ने मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी जेल भेजने के फैसले पर कहा कि यह जो गुंडे बदमाश है इनको ग्लोरिफाई नहीं करना चाहिए। मेरे ख्याल से सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते का टाइम ज्यादा दे दिया है अगर 1 दिन का टाइम भी देते तो हम उसको ट्रांसफर कर देते हमारे जेल डिपार्टमेंट में ना कोई आदमी अपनी मर्जी से अंदर जा सकता है और ना ही बाहर आ सकता है। उन्होनें कहा कि जब भी मेरे पास सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आएगा, मैं उसको इमीडिएट उसे इंप्लीमेंट करूंगा।
इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार के लिए यह बड़ी बेशर्मी की बात है कि सुप्रीम कोर्ट को यह कहना पड़ रहा है कि इस खूंखार अपराधी को यूपी भेज दिया जाए उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगना चाहिए कि सरकार की इस कुख्यात अपराधी को पंजाब में रखने की क्या मंशा थी। मुख्तार 2005 से जेल में बंद है। कृष्णानन्द राय की हत्या के मामले में बरी होने के बाद मुखतार पंजाब चला गया। पहले मुख्तार पर 47 मुकदमे दर्ज थे जिनमे वह 14 में बरी हुआ, 29 में चार्जशीट हो गई, 7 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लग गई है और 4 केस वापस ले लिए गए है।