अगर दोष से बचना चाहते हैं तो सुबह तड़के स्नान करना है जरूरी
लखनऊ। पुराने जमाने में लोग सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे। इस तरह सुबह के तड़के स्नान से हिन्दू धर्म में कई फायदे गिनाए गए हैं। कब और किस तरह स्नान करके लोग घर की समृद्धि बढ़ा सकते हैं, इसके बारे में हम आपको बताते हैं।सही समय पर नहाने से धन, घर में सुख-शांति और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है। सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में 4 उपनाम दिए हैं।
1. मुनि स्नान- सुबह सूरज निकलने से पहले 4 से 5 बजे के बीच किया जाता है। मुनि स्नान सर्वोत्तम है। इससे घर में सुख-शांति, समृद्धि, विद्या, बल, आरोग्य, चेतना सदैव बनी रहती हैं।
2. देव स्नान- यह स्नान सुबह 5 से 6 बजे के बीच किया जाता है। देव स्नान उत्तम है। इससे जीवन में यश, किर्ती, धन, वैभव, सुख-शान्ति, संतोष का हमेशा वास रहता
है।
3. मानव स्नान- यह स्नान सुबह 6 से 8 बजे के बीच किया जाता है। इस दौरान स्नान करने वालों को काम में सफलता, अच्छा भाग्य, अच्छे कर्मों की सूझ ता मिलती ही है, साथ ही परिवार में एकता भी बनी रहती है।
4. राक्षसी स्नान- ये वो स्नान है जिसे अगर सुबह 8 बजे के बाद किया जाता है तो घर में दरिद्रता, हानि, कलेश, धन हानि, परेशानी आती है। यह स्नान हिन्दू धर्म में निषेध है।