नई दिल्ली। ताइवान बुधवार को आए भूकंप के तेज झटकों से दहल उठा। ताइवान के फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, 7 लोगों की मौत हुई है। 730 से ज्यादा लोग घायल हैं। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। ताइवान में भूकंप के बाद दक्षिणी जापान के कुछ हिस्सों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई।
मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप ईस्ट ताइवान के हुलिएन शहर में आया। इसका केंद्र धरती से 34 किलोमीटर नीचे था। भारतीय समय के मुताबिक सुबह 5:30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। कई इमारतें जमींदोज हो गईं, लैंड स्लाइड भी हुई है। वहीं, 77 लोग इमारतों-मलबे में फंसे होने की खबर है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
ताइवान में आया भूकंप इतना जोरदार था कि इससे जापान के दक्षिणी द्वीप बुरी तरह हिल गए। इस भूंकप से जापान के दक्षिणी द्वीप पर बड़ी तबाही हुई है। यहां कई इमारतें ध्वस्त हो गई। हालांकि प्रभावित लोगों को घर नहीं छोड़ने की चेतावनी दी गई है। एनएचके पर एक एंकर ने कहा, “सुनामी आ रही है, कृपया तुरंत खाली कर दें। मत रुको, वापस मत जाओ। ताइवान में अक्सर भूकंप आते रहते हैं क्योंकि यह द्वीप दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है।
सितंबर 1999 में ताइवान में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें द्वीप के इतिहास की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा में लगभग 2,400 लोग मारे गए। जापान में हर साल लगभग 1,500 झटके महसूस होते हैं। विशेष निर्माण तकनीकों और सख्त भवन नियमों के कारण जापान और ताइवान में आमतौर पर बड़े भूकंपों से भी कम नुकसान होता है। वहीं जापान ने जरूरत पड़ने पर लोगों को सचेत करने और निकालने के लिए तकनीक भी विकसित की है। जापान का अब तक का सबसे बड़ा भूकंप मार्च 2011 में जापान के उत्तर-पूर्वी तट पर आया था, जिसके कारण सुनामी आई और लगभग 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए।