नई दिल्ली। ये खबर उन लोगों को डरा सकती है जो कम सोते हैं या अपनी नींद ठीक से पूरी नहीं करते हैं। ऐसे लोगों को हार्ट अटैक का खतरा 90 फीसदी अधिक होता है। दरअसल युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी आ रही है। बढ़ती उम्र की बीमारी माना जाने वाला हार्ट अटैक अब युवाओं को भी अपने घेरे में ले रहा है। हाल ही में आए कुछ मामलों को देखें तो इनमें 26-27 साल के युवा भी दिल के रोगों के शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञ इसके लिए उनकी नींद पूरी न हो पाना ही सबसे बड़ा कारण मानते हैं।
यह खुलासा मेदांता अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट निदेशक डॉ. रजनीश कपूर ने अपनी शोध में किया है। मेदांता अस्पताल में आए मरीजों पर दो साल तक किए गए अध्ययन के बाद रविवार को यह रिपोर्ट जारी की गई। डॉ. रजनीश ने बताया कि इस अध्ययन में 40 वर्ष से कम उम्र के 104 युवाओं को शामिल किया गया है। इनमें सबसे कम उम्र का रोगी 19 साल का था। सभी मरीजों की केस स्टडी के बाद पाया गया कि करीब 90 फीसदी युवा सात घंटे से कम सोते हैं। जबकि 65 फीसदी युव 6 घंटे से भी कम की नींद लेते हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं कि कम से कम सात घंटे सोना ही चाहिए। इमसें अगर कोई कमी हो जाती है तो इसका असर हार्ट पर पड़ता है। जब नींद नहीं पूरी होती है तो स्ट्रेस बढ़ता है। ऐसे में हमें खुद को फ्रेश रखने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है।