लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बंगाली टोला इलाके में कुत्ते की सबसे खूंखार नस्ल पिटबुल के हमले में बुजुर्ग महिला की मौत ने सबको झकझोर दिया है। हर कोई यही सवाल उठा रहा है कि कैसे वफादारी का पर्याय माने जाने वाला पालतू कुत्ता अपनी बुजुर्ग मालकिन को ही नोच-नोच कर मार सकता है।
फिलहाल इस मामले में नगर निगम के संयुक्त निदेशक डॉ अरविंद राव ने कहा कि खूनी पिटबुल डॉग को 14 दिनों की हिरासत में रखा गया है.अरविंद राव ने कहा कि हमने कुत्ते को बरामद कर लिया है और उस खूनी डॉग को 14 दिनों की हिरासत में रखा है. इस दौरान हम डॉग के बिहैवियर का अध्ययन करेंगे. 14 दिन के व्यवहार को हम चेक करेंगे और फिर कारणों का पता लगाएंगे. उन्होंने बताया कि उसे एनिमल बर्थ कंट्रोल रूम में रखा गया है. मालिक के पास से कुत्ते रखने का लाइसेंस भी नहीं मिला है।
स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए बुधवार को लाइसेंस पेश करने की बात कहकर टीम उनके घर से लौटी। नगर निगम की टीम फिर उनके घर गई, लेकिन पड़ोसियों ने बताया कि परिवार कुत्तों को उसी घर में किराए पर रहने वाले लोगों के पास छोड़कर परिजन गंगा में पार्थिव शरीर विसर्जित करने गए हैं। लखनऊ नगर निगम के डॉ. अरविंद राव ने कहा कि यदि मालिक कुत्तों के लिए पालतू लाइसेंस दिखाने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।