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भारत में नहीं दिखेगा 21 सितंबर को लगने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, सूतक काल भी नहीं होगा मान्य

नई दिल्ली। इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर, रविवार को लगने जा रहा है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसे एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और उसकी छाया के कारण सूर्य की किरणें पृथ्वी तक पूरी तरह नहीं पहुंच पातीं। यही स्थिति सूर्य ग्रहण कहलाती है।

धार्मिक मान्यता और सूतक काल

सनातन परंपरा में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ग्रहण के समय पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य देव की पूजा करने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। सामान्यतः ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है, जिसके दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। हालांकि इस बार भारत में ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। धार्मिक कार्य अपने निर्धारित समय पर ही होंगे।

इस बार का सूर्य ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या को, कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा। संयोगवश उसी दिन पितृ विसर्जनी अमावस्या भी है।

कहां दिखाई देगा

जानकारी के अनुसार यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई देगा। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और फिजी जैसे देशों में लोग इसे देख सकेंगे। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH