नई दिल्ली। कश्मीरी हिंदू समुदाय को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अब संकल्प पूरा करने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि अगले साल कश्मीरी हिंदुओं का नवरेह अपने घर कश्मीर में मनाने का संकल्प पूरा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी बसने को हिंदू सक्षम हैं मगर कश्मीरी हिंदू अपनी भूमि पर बसना चाहते हैं। कश्मीरी पंडितों का घर वापसी का सकंल्प अगले नवरेह पर जरूर होगा पूरा। 370 के हटने के बाद घाटी वापसी का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि अगले साल हम अपनी भूमि पर रहेंगे और इस संकल्प की पूर्ति के लिए अब बहुत दिन बाकी नहीं और शीघ्र यह संकल्प पूरा होने वाला है। संकल्प को पूरा करने तक सतत प्रयत्न करना पड़ता है। हमें फिर भी अपने कश्मीर में जाना है। हमारा संकल्प है अपनी भूमि पर फिर से बस जाना है। भले ही आज हम पूरी दुनिया में फैले हैं लेकिन बावजूद इसके वापसी का संकल्प को पूरा करना बहुत जरूरी है।
इस दौरान उन्होंने कश्मीर फाइल्स फिल्म का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कश्मीर फाइल्स ने कश्मीर के लोगो की व्यथा सामने रखी जिसने भारतवर्ष को झकझोर का रख दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग द कश्मीर फाइल्स के समर्थन में हैं, कुछ इसे आधा सच कह रहे हैं लेकिन इस देश के आम आदमी की राय है कि दुनिया के सामने विनाशकारी सच पेश करके इस फिल्म ने न केवल विस्थापितों का दर्द पेश किया है बल्कि हमें भी हिला दिया। उन्होंने कहा कि हमे वापिस जाने के लिए संकल्प लेना होगा कि कश्मीर में हमारा घर था और हम वहां फिर रहेंगे। हमारी क्षमता है कि हम दुनिया के किसी भी हिस्से में रह सकते है लेकिन हमारा संकल्प है कि हमे वापिस जाना है। उन्होंने धारा 370 का ज़िक्र करते हुए कहा की हमे अपने प्रयास जारी रखने है, हमारे प्रयासों के कारण ही आज 370 ख़त्म हो गया है।
उन्होंने आगे कहा कि अब कोई भी कश्मीरी पंडितों को जाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है और अगर कोई कोशिश करता है, तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा, ‘2011 में हमने वापस लौटने के लिए इसी तरह का समर्पण किया था, लेकिन वो समय नहीं था। अब समय आ गया है कि हम अपनी शर्तों के साथ वापस आएं और वहां बस जाएं। आपको वहां बसने की जरूरत नहीं है, बल्कि इस तरह से बसना है कि आप फिर से उजड़ न जाएं। उन्होंने कहा कि अब कश्मीर में ऐसे बसेंगे कि फिर कोई विस्थापित न कर सके. धैर्य के साथ अपना प्रयास जारी रखना है. संपूर्ण भारत का अभिन्न अंग बन कर कश्मीर में बसना और रहना है।