सिद्धार्थनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संचारी रोग का मतलब मस्तिष्क ज्वर। 1977 से 2017 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफलाइटिस के कारण मौत का अनवरत सिलसिला चलता रहा। हर साल हजार-दो हजार लोगों की मौत हो जाती थी, लेकिन प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में जब अन्तरविभागीय समन्यव, स्वच्छ भारत मिशन, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के साथ आशा व आंगनबाड़ी वर्कर, यूनीसेफ आदि संस्थाओं के साथ मिलकर विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान को आगे बढ़ाया गया तो 4 से 5 साल के अंदर इंसेफलाइटिस को समाप्त करने में सफलता मिल गई। यह काम 2017 के पहले 40 साल में नहीं हो पाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का सिद्धार्थनगर में शनिवार को शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज नवसंवत्सर का दिन है और नवरात्रि का पहला दिन है। वर्ष में दो बार मां भगवती का यह पर्व हमलोगों के सामने आता है। मां दुर्गा के अनुष्ठान से प्राप्त होने वाली शक्ति रोग से, शोक से संताप से संपूर्ण मानवता को मुक्त करने में अपना योगदान देगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मैं पिछले कार्यकाल में 14-15 बार सिद्धार्थनगर आया था। आज विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के शुभारंभ के लिए एकबार फिर आने का अवसर प्राप्त हुआ है। सिद्धार्थनगर एक आकांक्षात्मक जनपद है। यहां शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य कृषि और पर्यावरण की दृष्टि से विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पिछले पांच वर्ष में जो प्रयास हुए हैं, उसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफलाइटिस इस क्षेत्र का अभिशाप बन चुका था। उन्होंने कहा कि रोग के उपचार से महत्वपूर्ण बचाव है। उन्होंने कहा कि यदि दस्तक अभियान से लोग जुड़ेंगे तो संचारी रोग का समाधान होगा ही। हम लोगों ने संकल्प ले लिया है कि फाइलेरिया और टीबी को प्रदेश में टिकने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष में सर्वाधिक मेडिकल कालेज बनाने का रिकार्ड भी उत्तर प्रदेश के पास है। माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के नाम से यहां मेडिकल कालेज शुरू हो चुका है। हमलोगों ने पांच वर्ष में 33 मेडिकल कालेज का निर्माण आगे बढ़ाया था। 17 मेडिकल कालेज में पठन-पाठन शुरू हो चुका है। एक वर्ष में 17 से 18 और मेडिकल कालेज शुरू हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में सुशासन, विकास, सुरक्षा और गरीब कल्याण के लिए आपलोगों ने जो आशीर्वाद दिया, उसके लिए धन्यवाद। मुख्यमंत्री ने कोरोना के नियंत्रण में हेल्थ वर्कर के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में सभी को राशन की डबल डोज मिल रही है। विकास की प्रकिया को आगे बढ़ाना है। कालानमक चावल की खुशबू अब सिद्धार्थनगर तक सीमित न रहकर पूरे देश में पहुंच चुकी है। इस अभियान को निरंतरता देनी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में 2 करोड़ 61 लाख शौचालय बनाए गए, 43.5 लाख को घर उपलब्ध कराया। 15 करोड़ लोगों को कोरोना के दौरान फ्री राशन दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई जरूरतमंद स्वास्थ्य, शिक्षा से वंचित न रहने पाए। स्वच्छता का भी ध्यान रखना है। गंदगी और जलजमाव न हो ताकि मच्छर और बैक्टिरिया न हों, जो रोगों को जन्म देते हैं। इसके लिए समाज के एक-एक व्यक्ति को जुड़ना पड़ेगा। सामूहिकता में बड़ी ताकत होती है। उन्होंने कहा कि दैवीय शक्तियां गंदगी में नहीं आती हैं, स्वच्छता में ही आती हैं। अगर व्यक्ति स्वस्थ है तो समाज स्वस्थ होता है और समाज स्वस्थ होता है तो प्रदेश स्वस्थ होता है। इसके साथ ही मुख्यंत्री ने कहा कि एक अप्रैल से गेहूं क्रय प्रारंभ हुए हैं। गेहूं तैयार होने में अभी एक सप्ताह का समय है। जब गेहूं तैयार होंगे, तब खरीद केंद्र भी तैयार मिलेंगे।उन्होंने कहा कि चार अप्रैल से स्कूल चलो अभियान को आगे बढ़ाएंगे। पिछले दो वर्षों में स्कूली शिक्षा कोरोना के कारण प्रभावित हुई है। सभी विभागों को जोड़कर इसे आगे बढ़ाएंगे। हमारा प्रयास है कि एक भी बच्चा छूटने न पाए। इससे पहले मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र दिया।