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मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए धन की कमी नहीं, समय से पूरा करें निर्माण कार्य: मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोक निर्माण विभाग द्वारा संचालित एवं प्रस्तावित विविध निर्माण परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

● चिकित्सा शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग से जुड़ी निर्माण परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा की जाए। ड्रोन के माध्यम से परियोजना स्थल का भौतिक निरीक्षण किया जाए। इसकी रिपोर्ट विभागीय मंत्रियों को दी जाए। प्रोजेक्ट मैनेजर साइट पर रहें। यदि कहीं मैनपॉवर कम हो तो अतिरिक्त की व्यवस्था तत्काल हो। कहीं कोई समस्या आ रही हो तो मुख्यमंत्री कार्यालय को जानकारी दें। परियोजनाओं की साप्ताहिक प्रगति से विभागीय मंत्रियों को अवगत कराया जाए।

● एक जनपद-एक मेडिकल कॉलेज के संकल्प के साथ राज्य सरकार लगातार आगे बढ़ रही है। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज क्रियाशील हों यह हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। बुलन्दशहर, लखीमपुर खीरी, गोंडा, औरैया, ललितपुर, सोनभद्र, कानपुर देहात, पीलीभीत, बिजनौर, चंदौली, कौशाम्बी, कुशीनगर और सुल्तानपुर जनपदों में मेडिकल कॉलेज निर्माण कार्य तेज किए जाने की जरूरत है। इसी प्रकार अटल मेडिकल विश्वविद्यालय में भवन निर्माण में तेजी अपेक्षित है। अनावश्यक लेटलतीफी पर जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी। यह व्यापक जनहित की परियोजनाएं हैं, इसमें देरी स्वीकार्य नहीं है। इसे मिशन मोड में लिया जाए। प्रत्येक दशा में जून 2023 तक पूरा करा लिया जाए। निर्माण कार्य की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। धन की कोई कमी नहीं है, काम समय से पूरा होना चाहिए।

● राज्य सरकार द्वारा मां शाकुम्भरी राज्य विश्वविद्यालय सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ तथा महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आजमगढ़ के रूप में तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। इनके भवन निर्माण को समय से पूरा कराया जाए। जननायक चंद्रशेखर बलिया विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए।

● स्पीड ब्रेकर निर्माण करते समय लोगों की सुविधा का ध्यान भी रखें। स्पीड ब्रेकर टेबल टॉप हों। बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं, मरीजों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े। खराब डिजाइनिंग की वजह से अक्सर लोग स्पीड ब्रेकर के किनारे से वाहन निकालने का प्रयास करते हैं, जिससे दुर्घटना भी होती है।

● प्रदेश में सड़क निर्माण की तकनीक सुधार की दिशा में अभिनव कार्य हुए हैं। ग्राम्य अभियंत्रण विभाग ने एफडीआर तकनीक आधारित सड़क तैयार कर न केवल सड़क की गुणवत्ता को बेहतर किया, बल्कि लागत को भी कम किया है। फुल डेप्थ रेक्लेमेशन तकनीक यानी एफडीआर के जरिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण कार्य कराया जा रहा है। आज भारत सरकार ने कई राज्यों को हमारे इस प्रयास मॉडल से सीखने-जानने को भेजा है। प्लास्टिक वेस्ट से सड़कें बन रही हैं। पीडब्ल्यूडी द्वारा भी ऐसी अभिनव तकनीक अपनाया जाए।

● इस वर्ष भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) के 81वें अधिवेशन की मेजबानी उत्तर प्रदेश को मिली है। 08 से 11 अक्टूबर तक होने वाले इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भारत सरकार के माननीय मंत्रीगण की सहभागिता होगी। इसके अतिरिक्त, सड़क निर्माण से जुड़ीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं/कंपनियों के 2000 प्रतिनिधि भाग लेने वाले हैं। कार्यक्रम के गरिमामय आयोजन के लिए मुख्य सचिव के स्तर पर लोक निर्माण विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के बीच समन्वय बैठक की जाए।

● भारतीय सड़क कांग्रेस में प्रतिभाग करने वाले डेलीगेट्स की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। बेहतर आतिथ्य प्रबंधन हो। डेलीगेट्स को लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज, आगरा, वृंदावन, मथुरा जैसी हमारी संस्कृति से प्रतीक स्थलों का भ्रमण भी कराया जाना चाहिए।

● प्रदेश में एनएचएआई द्वारा संचालित सभी परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH