लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधजनसभा के मानसून सत्र को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी पवार जमकर निशाना साधा। विधानसभा में गलत तथ्य पेश कर जनता को गुमराह करने की कोशिश का आरोप सपा मुखिया अखिलेश यादव पर लगाते हुए आज विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी और सच, नदी के दो किनारे हैं, जो आपस में कभी नहीं मिलते लेकिन नेता प्रतिपक्ष को सदन में सच बोलने की आदत डालनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 04 बार सपा की सरकार रही, लेकिन प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कोई कोशिश नहीं की गई। यहां तक कि गोरखपुर व आसपास के जिलों में इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की हर साल सैकड़ों मौतें होती रहीं, लेकिन सपा की ओर से संवेदना का एक भी शब्द नहीं फूटा।
उन्होंने कहा कि ये लोग केवल दूसरों को उपदेश देते हैं। इनकी सरकारों में प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंदी के कगार पर थे। डॉक्टर्स की संख्या ही नही थी। आज सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप एम्बुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम में कमी आई है। एक जिला एक मेडिकल कॉलेज, 59 जनपदो में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं या बन चुके हैं। शेष 16 जनपदो में मेडिकल कॉलेज के निर्माण के प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।
सीएम ने कहा कि गोरखपुर एम्स के लिए जमीन देने में यही तथाकथित समाजवादी रोड़ा अटकाते रहे। 2017 में जब नई सरकार बनी तो हमने जमीन की रजिस्ट्री कराई। प्रदेश में सीएचसी और पीएचसी बंदी की कगार पर थे। जिला अस्पतालों की हालत दयनीय थी। इसी बरसात के महीनों में गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस का कहर होता था।
हर साल 1200 से 2000 तक मासूम बच्चों की मौत होती थी। अकेले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 मौत हर साल होती थी। यह बच्चे अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक वर्ग और पिछड़ा वर्ग परिवारों के थे, लेकिन सरकारों ने कोई इंतजाम नहीं किया। इंसेफेलाइटिस का टीका 1905 में ही जापान में आ गया था, लेकिन भारत तक पहुंचने में उसे 100 साल लग गए। आज सरकार पर सवाल उठाने से पहले इन्हें अपने कार्यकाल के बारे में सोचना चाहिए।