लखनऊ। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले एवं उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन गुप्ता के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक हुई।इस बैठक में उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति, दलित-शोषित-वंचित समाज की समस्याओं तथा पार्टी के संगठन विस्तार पर गहन चर्चा हुई।
पवन गुप्ता के कुशल नेतृत्व में पार्टी तेजी से गांव, ब्लॉक, तहसील, जिला एवं मंडल स्तर तक अपने पदाधिकारियों को नियुक्त कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य जनता की समस्याओं को निकट से समझना और उनका समाधान करना है। पार्टी अब उत्तर प्रदेश के हर कोने में सक्रिय हो चुकी है, जिसके परिणामस्वरूप आज प्रदेश के प्रत्येक जिले में आरपीआई की मजबूत उपस्थिति दर्ज की जा रही है।
इन संगठनात्मक तैयारियों के बीच पार्टी एक बड़ी रैली का आयोजन करने जा रही है। 5 अप्रैल 2026 को लखनऊ में सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक विशाल रैली के माध्यम से मुफ्त शिक्षा एवं मुफ्त चिकित्सा की मांग को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। यह रैली दलित, शोषित, वंचित एवं गरीब वर्ग के अधिकारों की लड़ाई में एक मील का पत्थर साबित होगी। पार्टी ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी जिलों में जिला पंचायत चुनावों की सभी सीटों पर आरपीआई अपने मजबूत एवं समर्पित पदाधिकारियों को उतारेगी। यह कदम स्थानीय स्तर पर पार्टी की जड़ें मजबूत करने एवं जनता की सेवा करने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल पर भी चर्चा हुई। सत्ता में रहने के बावजूद दलित, शोषित, वंचित, गरीब एवं महिलाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ। स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।आरपीआई (आठवले) इन मुद्दों पर केवल नारे नहीं लगाती, बल्कि धरातल पर मजबूत कार्य कर रही है। हम बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के सामाजिक न्याय, समता, स्वतंत्रता, बंधुता एवं मानव गरिमा के अमर विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेते हैं।
बाबा साहेब ने संविधान के माध्यम से भारत को एक ऐसा लोकतंत्र दिया जिसमें हर नागरिक को समान अधिकार, सम्मान और अवसर मिले। उन्होंने दलितों-शोषितों को केवल राजनीतिक अधिकार ही नहीं दिए, बल्कि शिक्षा, आत्मसम्मान और संघर्ष की प्रेरणा दी। आज भी समाज में व्याप्त जातिवाद, अस्पृश्यता और असमानता के खिलाफ उनकी शिक्षाएं ही सबसे बड़ा हथियार हैं। हमारा दायित्व है कि बाबा साहेब के इन विचारों को इस तरह लोगों तक पहुंचाएं कि किसी भी व्यक्ति के साथ नैतिक मूल्यों का हनन न हो पाए तथा हर व्यक्ति सम्मानपूर्वक जी सके। साथ ही, राम मनोहर लोहिया जी के सपनों के नए भारत का निर्माण हो, जहां आर्थिक एवं सामाजिक असमानता पूरी तरह समाप्त हो जाए।
अखिलेश यादव जी द्वारा दिया गया पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का नारा केवल चुनावी घोषणा बनकर रह गया। जमीन पर इसका कोई ठोस कार्य नहीं दिखाई देता। आरपीआई (आठवले) अब डीपीए (दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक) की अवधारणा को लेकर जमीन पर मजबूती से उतरेगी और वास्तविक बदलाव लाएगी। पार्टी का एक करोड़ सक्रिय सदस्यों का लक्ष्य भी शीघ्र पूरा होने की ओर अग्रसर है। यह संगठनात्मक मजबूती बाबा साहेब के मिशन को आगे बढ़ाने में निर्णायक सिद्ध होगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री रामदास आठवले जी एवं प्रदेश अध्यक्ष पवन गुप्ता जी व डॉ.एस पी सिंह मिडिया प्रभारी उ. प्र. आदि सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि हम एकजुट होकर दलित-शोषित समाज के उत्थान के लिए संघर्ष करें। आरपीआई (आठवले) उत्तर प्रदेश में एक नई उम्मीद एवं परिवर्तन की लहर बनकर उभरेगी।




