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तंत्रिका की समस्याओं को दूर करते है ये योगासन, रोजाना अभ्यास करने से होगा फायदा

लखनऊः हमारा पूरा शरीर तंत्रिकाओं के जाल से घिरा हुआ है। शरीर के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए इन सभी तंत्रिकाओं का स्वस्थ रहना और बेहतर तरीके से काम करते रहना बहुत आवश्यक माना जाता है। तंत्रिका तंत्र न्यूरॉन्स नामक विशेष कोशिकाओं की सहायता से आपके पूरे शरीर में संकेत या संदेश भेजने का काम करती हैं। यह संदेश आपको अपने अंगों को हिलाने और दर्द जैसी संवेदनाओं को महसूस करने में मदद करते हैं। अगर तंत्रिकाओं में किसी तरह की समस्या आ जाए तो आपका चलना-उठना भी दूभर हो सकता है। यही कारण है कि सभी लोगों को शरीर का निरंतर विशेष ख्याल रखने की सलाह दी जाती है।
तंत्रिकाओं को बेहतर तरीके से कार्य करने के लिए प्ररित करने और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में नियमित रूप से योगासनों का अभ्यास करना विशेष लाभदायक हो सकता है। योगासन, आपके तंत्रिका तंत्र को बेहतर बनाने में भी भूमिका निभाते हैं। अंगों की सेहत और कार्यों को बेहतर ढंग से करते रहने के लिए योगासनों का नियमित अभ्यास आपके लिए मददगार हो सकते हैं। आइए आगे की स्लाइडों में ऐसे ही कुछ योगासनों के बारे में जानते हैं जिनका रोजाना अभ्यास करना आपके लिए विशेष फायदेमंद हो सकता है।
बालासन योग का अभ्यास
मांसपेशियों के तनाव को कम करके आपके तंत्रिका तंत्र को शांत करने और आराम दिलाने में बालासन योग का अभ्यास सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। शारीरिक रूप से यह मुद्रा पीठ, गर्दन और कंधों से तनाव को दूर करने में मदद करती है। मानसिक और भावनात्मक रूप से भी इस योग के नियमित अभ्यास के कई लाभ हैं। तनाव-चिंता को कम करने के साथ मस्तिष्क की तंत्रिकाओं को आराम पहुंचाने में इस योग के अभ्यास को काफी कारगर माना जाता है।
सेतुबंधासन योग
सेतुबंधासन योग या ब्रिज पोज़ को कई तरह से सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। पीठ और कमर की समस्याओं से आराम दिलाते हुए रीढ़ की हड्डी के लचीलापन को बढ़ावा देने के लिए इस योग का अभ्यास किया जाता रहा है। यह योग आपकी तंत्रिका तंत्र को आराम दिलाने के साथ शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देने में भी काफी मददगार साबित हो सकता है। सेतुबंधासन योग मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक योगासनों में से एक है।
प्राणायाम का अभ्यास करें
कपालभाति और अनुलोम विलोम जैसे प्राणायाम दिमाग को तेज करने और याददाश्त बढ़ाने में काफी कारगर होते हैं। दूसरी ओर भस्त्रिका, भ्रामरी, उज्जयी जैसे प्राणायाम तंत्रिकाओं को शांत करने और मस्तिष्क के तनाव को कम करने में काफी असरदार हो सकते हैं। नियमित रूप से प्राणायाम के अभ्यास की आदत आपके लिए शारीरिक और मानसिक दोनों ही तौर से काफी फायदेमंद गतिविधि हो सकती है।
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