लखनऊ। डेयरी क्षेत्र में रोजगार और राजस्व की व्यापक संभावनाएं देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से डेयरी इकाइयां खोलने की योजना बना रही है।
योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य के डेयरी क्षेत्र को मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर डेयरी इकाइयां खोली जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने के लिए योजनाबद्ध प्रयास करें।
सीएम योगी ने कहा कि सरकार यहां सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत डेयरी क्षेत्र में काम करने की इच्छुक कंपनियों को पूरा सहयोग देगी। सरकार के इस कदम से किसानों को फसल की खेती के साथ-साथ डेयरी व्यवसाय में भी मदद मिलेगी। नई डेयरी इकाइयां खुलने से सरकार को राजस्व भी मिलेगा।
पशुपालन विभाग के कामकाज में व्यापक सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभाग के सरकारी अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में जिलों में भेजा जाए। उन्हें गौशालाओं में अधिकतम सुविधाएं और जिलों में ‘भूसा’ बैंक या चारा बैंक सुनिश्चित करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि गौ तस्करी जैसे जघन्य अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। सरकार के अनुसार डेयरी क्षेत्र और पशुपालन किसानों की स्थिति को बेहतरी के लिए बदलने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इससे गांव में गरीबी और असमानता कम होगी और गरीब ग्रामीण परिवारों को पोषण भी उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन राज्य के छोटे किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक बड़ा स्रोत बन सकता है और उद्यमिता में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का भी एक शानदार तरीका है।