लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा है कि हाल में ही नेपाल तथा प्रदेश के कई जनपदों में भारी बरसात के कारण नदियों का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ की सम्भावना को देखते हुए प्रभावित जनपदों के तटबन्धों एवं बाधों की सुरक्षा हेतु पूरी चैकसी बरती जाए तथा 24 घंटे मानीटरिंग की जाय। उन्होेंने तटबन्धों पर कैम्प स्थापित कर उन पर सहायक अभियन्ता तथा अवर अभियन्ताओं को निगरानी के लिए तैनात किए जाने के निर्देश दिए।
जलशक्ति मंत्री आज सिंचाई एवं जलसंसाधन मुख्यालय के सभागार में बाढ़ से बचाव हेतु अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी तटबन्धों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से होमगार्ड/पी0आर0डी0 के जवानों की तैनाती करें। सभी तटबन्धों पर प्रकाश की व्यवस्था हेतु जनरेटर, हैलोजन एवं तेज लाइट वाली टार्च की व्यवस्था सुनिश्चित कराए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी तटबन्धों की नियमित रूप से समीक्षा कर उनको प्रत्येक दशा में सुरक्षित रखें ताकि बाढ़ की विभिषका से बचा जा सके।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि गत् वर्ष मानसून के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरतने तथा बाधों पर कन्ट्रोल रूम की स्थापना एवं कर्मचारियों की लगातार डयूटी लगाये जाने के कारण सभी तटबन्ध सुरक्षित रहे, जिसके कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने के बावजूद भी बाढ़ से कोई जनधन तथा पशु हानि नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की भाॅति भी इस वर्ष सभी अधिकारी एवं अभियन्ता एक्शन मोड में रहते हुए बाढ़ से बचाव के लिए पूरी तैयारी से डटे रहें।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान बाढ़ से तैयारी एवं मरम्मत कार्यों के लिए मई जून में धनराशि आवंटित की जाती थी और निर्माण कार्य समय से पूरा नहीं हो पाते थे। जिसके कारण व्यापक जनधन की हानि होती थी प्रदेश के मुख्यमंत्री मा0 योगी आदित्यनाथ जी ने जनवरी/फरवरी में ही बाढ़ कार्यो के लिए बजट की धनराशि जारी कर दी थी। जिसके कारण बाढ़ से बचाव की योजनाओं को समय से पूरा कराया जा सका। पूरे प्रदेश में बाढ़ से संवेदनशील जनपदों में निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कराकर पूरा कराया गया है।
डाॅ0 महेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित होने वालों गाँवों की जनता से संवाद स्थापित करके उनको विभाग द्वारा कराए जा रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यों के बारे अवगत कराए। जिससे की जनता का विश्वास बने तथा वे अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके। उन्होंने कराए जा रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यों के निर्माण को स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रभारी मंत्री तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी निरीक्षण अवश्य कराए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि स्थानीय जिला प्रशासन से सम्नवय कर बाढ़ अथवा जलप्लवान की स्थिति में प्रदेश की जनता को तत्काल राहत पहुचाई जाये। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही अथवा उदासीनता को गम्भीरता से लेते हुए सम्बन्धित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में चल रहे बाढ़ परियाजनाओं की प्रगति रिपोर्ट 3 दिन के अन्दर प्रस्तुत करंे। उन्होंने बलिया एवं गाजीपुर के अधिकारियों को समय से कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित भी किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में चल रहे संचालित बाढ़ परियोजनाओं को अविलम्ब पूर्ण करें। उन्होंने बाढ़ सुरक्षा कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री टी0 वेकेंटेश ने मा0मंत्री जी को प्रदेश में संचालित बाढ़ परियोजनाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी तटबन्धों पर पूरी तत्परता के साथ मौजूद रहंे तथा किसी भी प्रकार की समस्या से निपटने के लिए तैयार रहें। उन्होंने मा0 मंत्री जी को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
समीक्षा बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख अभियन्ता श्री वी0के0 रंजन, प्रमुख अभियन्ता (परिकल्प एवं नियोजन) श्री ए0के0 सिंह सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।