नई दिल्लीः अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां पैदा हुए संकट के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुला लेने के कदम को सही ठहराते हुए कहा है कि यह कदम ‘‘तार्किक और उचित निर्णय’’ के रूप के दर्ज किया जाएगा। दूसरी ओर बाइडेन प्रशासन की चारो ओर आलोचना देखने को मिल रही है। अमेरिकी बलों के लौटने के बाद ही तालिबान ने अफगानिस्तान पर हमला कर दिया था और कब्जा कर लिया। जिसकी वजह से पूरे देश में डर, परेशानियां और अराजकता का महौल देखने को मिल रहा है।
निकी हेली ने अमेरिकी सरकार की करी निंदा
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इतिहास के पन्नों में इस फैसले को तार्किक और उचित निर्णय के रूप में दर्ज किया जाएगा।’
इससे पहले, भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निकी हेली ने अमेरिका सरकार की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका ने तालिबान के सामने ‘‘पूरी तरह आत्मसमर्पण’’ कर दिया और अफगानिस्तान में अपने सहयोगियों को छोड़ दिया।
हेली ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
हेली ने अपने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘वे तालिबान से वार्ता नहीं कर रहे. उन्होंने तालिबान के समक्ष पूरी तरह आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बगराम वायुसेना अड्डे को सौंप दिया, जो नाटो का बड़ा केंद्र था। उन्होंने 85 अरब डॉलर के उपकरण और हथियार भी सौंप दिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने अमेरिकी लोगों का समर्पण कर दिया और उन्होंने अमेरिकी लोगों की वापसी से पहले अमेरिकी बलों को वापस बुला लिया।”
तालिबान को लेना होगा मूलभूत फैसला- बाइडेन
हेली का कहना है, “उन्होंने विदेशों में तैनात मेरे पति जैसे लोगों को सुरक्षित रखने वाले अफगान साथियों को छोड़ दिया। कोई बातचीत नहीं हुई। यह पूरी तरह आत्मसमर्पण था और शर्मनाक नाकामी है।’’ इस बीच, बाइडेन ने कहा कि तालिबान को एक मूलभूत फैसला करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘क्या तालिबान एकजुट होने की कोशिश और अफगान लोगों का कल्याण करेगा, जो किसी समूह ने अभी तक नहीं किया है?