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बाबा साहब आंबेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना के लिए पांच करोड़ रूपये की धनराशि मंजूर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में बाबा साहब आंबेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना के संचालन के लिए 5.00 करोड़ रूपये की धनराशि को अवमुक्त करते हुए आयुक्त, ग्राम्य विकास के निवर्तन पर रखने के निर्देश दिये हैं। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय उपलब्धता एवं दक्षता के आधार पर सतत् रोजगार के अवसर सृजित करना तथा उत्पादित उत्पाद सेवाओं हेतु प्रभावशाली विपणन व्यवस्था की स्थापना करना है, ताकि लाभार्थी को उचित मूल्य प्राप्त हो और उसका ग्रामीण क्षेत्र से शहर का पलायन रोका जा सके। इस योजना से ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि की जा रही है।

ग्राम्य विकास विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार इस योजना के माध्यम से सृजित होने वाला रोजगार किसी सीमित अवधि के लिए नहीं होगा, बल्कि सतत् रूप से चलता रहेगा। इसमें अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थी को न्यूनतम 23 प्रतिशत का आरक्षण, दिव्यांग लाभार्थियों हेतु 05 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण (होरिजेन्टल) दिया जा रहा है। इसके अलावा अनुसूचित जाति/जनजाति, दिव्यांग लाभार्थी को अनुदान के रूप में प्रति इकाई वितरित ऋण का 35 प्रतिशत अनुदान अथवा अधिकतम रू0 70000/-(जो भी कम हो), सामान्य लाभार्थी को 25 प्रतिशत अथवा अधिकतम रू0 50000/-(जो भी कम हो) का प्राविधान है।

इस योजना के अन्तर्गत 2.5 लाख रूपये से ऊपर वितरित ऋण पर सामान्य लाभार्थियों से 7.5 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति/जनजाति एवं दिव्यांग (सभी जाति के) लाभार्थियों से 5 प्रतिशत इकाई लागत का मार्जिन मनी लाभार्थी से जमा कराया जायेगा, जो इकाई या प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH