लखनऊ। उच्च शिक्षा संस्थानों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल के तहत उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य के 120 डिग्री कॉलेजों में ई-लर्निंग पार्क शुरू करने जा रही है।
योगी सरकार प्राथमिक, उच्च और चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षा क्षेत्र को तीव्र गति से बदलने पर जोर दे रही है। छात्रों को शिक्षा में नई तकनीक के प्रयोग के लिए तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
उच्च शिक्षा विभाग राज्य में 87 ई-लर्निंग पार्कों की स्थापना का कार्य पहले ही पूरा कर चुका है और शेष का कार्य विभाग अगले सौ दिनों में पूरा कर लेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को बहुत लाभ होगा जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी धीमी है और छात्रों को ऑनलाइन अध्ययन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
ई-लर्निंग पार्क की सुविधा से शिक्षा गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा, साथ ही गांव के दूर-दराज व पिछड़े क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी आसान होगा।
ये ई-लर्निंग पार्क एक डिजिटल लाइब्रेरी के साथ कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन और वाई-फाई सुविधाओं से लैस होंगे।
एबेकस-यूपी पोर्टल का शुभारंभ
विभाग अगले 100 दिनों में एबेकस-यूपी पोर्टल लॉन्च करने जा रहा है जिसके माध्यम से छात्रों और शिक्षकों के विभिन्न पहलुओं को जोड़ा जाएगा। राज्य स्तरीय एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबेकस-यूपी पोर्टल) नई शिक्षा नीति का हिस्सा है। इसक तहत आने वाले सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को भी एबेकस-यूपी पोर्टल पर छात्रों और शिक्षकों का डेटा अपलोड करने के लिए कहा गया है।
विभाग द्वारा अनुसन्धान एवं विकास योजना हेतु स्वीकृत अनुदान की अनुमति केवल उन्हीं महाविद्यालयों को दी जायेगी, जिनका एनईपी 2020 के अन्तर्गत नामांकित विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का डाटा एबेकस-यूपी पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा।
यूपी-शिक्षा का अगला बड़ा केंद्र
उत्तर प्रदेश में शिक्षा और सीखने का एक समृद्ध इतिहास है हालांकि पिछली कुछ सरकारों द्वारा इसे उपेक्षित किया गया था। योगी सरकार के निरंतर प्रयासों ने प्रदेश को अपनी समग्र साक्षरता दर में सुधार स्कूलों, कॉलेजों, तकनीकी संस्थानों और विश्वविद्यालयों की संख्या बढान में उल्लेखनीय कार्य किया है।