लखनऊ। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश में इस साल में भी बड़े पैमाने पर पौधे लगाने को लगाने का अभियान चलायेगा। सभी नागरिकों की जिम्मेदारी को लेकर इसे जन अभियान बनाने पर जोर दिया गया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने 01 से 07 जुलाई तक प्रदेशव्यापी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। सूबे को हरा-भरा करने के लिए सभी से पौधे रोपित करने की जरूरत बतायी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की एक उच्चस्तरीय बैठक में वर्ष 2023-24 के वृहद पौधारोपण अभियान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बताया गया कि उत्तर प्रदेश में वन महोत्सव अब जनांदोलन का स्वरूप ले चुका है। विगत 06 वर्षों में 131 करोड़ से अधिक पौधरोपण किया जा चुका है। इस कार्य में व्यापक जनसहयोग प्राप्त हुआ है।
भारत में वन-क्षेत्रो की ‘स्टेट ऑफ फारेस्ट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार 2015 से 2021 की अवधि में प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र में 794 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की एक उच्चस्तरीय बैठक में वर्ष 2023-24 के वृहद पौधारोपण अभियान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेड़ों के महत्व बताते हुए कहा – ‘उत्तर प्रदेश में वन महोत्सव अब जनांदोलन का स्वरूप ले चुका है। विगत 06 वर्षों में 131 करोड़ से अधिक पौधरोपण किया जा चुका है। इस कार्य में व्यापक जनसहयोग प्राप्त हुआ है।’ वर्ष 2017-18 में 5.72 करोड़, 2018-19 में 11.77 करोड़, 2019-20 में 22.60 करोड़, 2020-21 में 25.87 करोड़, 2021-22 में 30.53 करोड़ और 2022-23 में 35.49 करोड़ पौधे लगाए गए। यह सुखद है कि पौधे लगाने के साथ-साथ इनके संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
प्रदेश का लक्ष्य कुल हरित क्षेत्र को 9% से बढ़ाकर 2026-27 तक 15% तक ले जाने का है। इस लक्ष्य के अनुरूप में अगले 05 वर्ष में 175 करोड़ पौधे लगाने और संरक्षित करने होंगे। इस लक्ष्य के अनुरूप सभी को प्रयास करना होगा।
इस वर्ष राज्य में वृहद पौधारोपण अभियान में 35 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य लेकर हर विभाग, हर संस्थान हर नागरिक को प्रयास करना होगा। वन विभाग द्वारा विभागवार पौधारोपण के क्रम में आगामी 01 से 07 जुलाई की अवधि में प्रदेशव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान संचालित किया जाए।
बैठक में पौधारोपण में प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग न करने, स्वच्छता के लिए प्रोत्साहित करने, कूड़ा-प्रबंधन के लिए आम जन को जागरूक करने के लिए स्कूलों में भी कार्यक्रम आयोजित हों। इससे अभियान के दौरान निबंध लेखन, प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक जैसे कार्यक्रमों से आम जन को पर्यावरण संरक्षण की मुहिम से जोड़ें। इस एक सप्ताह के जागरूकता अभियान के उपरांत वृहद पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित होगा।
● ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के मैदान के चारों ओर पौधारोपण किया जाए। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में कार्यवाही की जाए। इसके अलावा इस वर्ष अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर न्यूनतम 01 हजार पौधे लगाए जाएं। शहरी वार्डों में भी पौधारोपण के लिए लक्ष्य निर्धारित करें।
● प्रदेश में हरित आवरण में वृद्धि के लिए वृक्षारोपण को बढ़ावा देने तथा व्यापक स्तर पर जन सामान्य के सहयोग से वानिकी को जन आन्दोलन बनाये जाने के लिए ग्रामीण व शहरी माइक्रोप्लान तैयार करें। समस्त शासकीय परिसरों/कृषकों/विभागों/ मा.न्यायालय परिसरों/ व्यक्तियों / निजी भूमि एवं शासकीय निकायों/ रेलवे/ रक्षा /औद्योगिक को सहकारी समितियों एवं अन्य सम्बंधित शासकीय विभागों/ संस्थाओं के माध्यम पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की पौधशालाओं से पौधा उपलब्ध कराया जाए। हाईटेक नर्सरी तैयार करें। हर किसी को उच्च गुणवत्ता के पौधे सुलभता से मिल सकें, इसके लिए विधिवत तैयारी और प्रचार-प्रसार किया जाए। पौधारोपण स्थलों की जियो टैगिंग की जाए।
● वन क्षेत्र को सघन बनाने के लिए हरीतिमा बढ़ाने के लिए हमें शहरों में विशेष प्रयास करना होगा। 2 लाख से अधिक की जनसंख्या वाले सभी नगरीय निकायों में सिटी फारेस्ट का विकास किया जाए। निजी क्षेत्रों, एनजीओ, धार्मिक/सामाजिक संस्थाओं को जोडें।
● कृषि वानिकी आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने की नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं। यह किसानों की आय को बढ़ाने में सहायक तो है ही नवीन रोजगार सृजन में भी सहायक होगा। इस संबंध में आवश्यक प्रयास तेज किये जाने चाहिए।